गया मार्केट के कारोबार पर अतिक्रमण की मार
गया। कपड़े और खास तौर से सौंदर्य प्रसाधन के लिए मशहूर गया मार्केट में हर दिन 25 से 30 लाख्
गया। कपड़े और खास तौर से सौंदर्य प्रसाधन के लिए मशहूर गया मार्केट में हर दिन 25 से 30 लाख का कारोबार होता है, पर यहां समस्याओं का अंबार है। यहां न शौचालय है, न पार्किंग। दो चापानल है तो उससे भी प्रदूषित पानी ही निकलता है। व्यवसायी और ग्राहक दोनों परेशान हैं। अतिक्रमण की मार अलग।
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अतिक्रमण और जाम
केपी रोड स्थित गया मार्केट की चमक अतिक्रमण के कारण भी फीकी पड़ रही है। यहां तक पहुंचने के लिए केपी रोड के जाम को झेलना पड़ता है, जिसका असर दुकानों पर पड़ रहा है। निगम की ओर से यहां कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है।
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कभी मलेहा कोठी से थी पहचान
1956 में इस मार्केट को मलेहा कोठी के नाम से जाना था। यह श्रीहरि प्यारी कुंवर का था। 1974 में यह नीलामी की भेंट चढ़ा तो कई लोगों ने दुकानें खरीद ली। 2002 में यह नगर निगम क्षेत्र में आ गया। आज की तारीख में इस मार्केट में 110 दुकानें हैं।
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व्यवस्था के नाम पर शून्य
करीब पांच कट्ठे में बने इस मार्केट में कोई व्यवस्था नहीं होने से ग्राहकों को काफी परेशानी होती है। यहां ज्यादातर महिलाएं खरीदारी के लिए आती हैं, लेकिन एक शौचालय तक नहीं है।
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खरीदकर लाते हैं पानी
यह मार्केट नगर निगम को टैक्स के रूप में हर साल दो लाख रुपये देता है। यहां के दुकानदार सफाई खुद कराते हैं। पेयजल की सुविधा नहीं होने के कारण पानी खरीदकर लाते हैं। मार्केट में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है, जिससे रात में दिक्कत होती है। यही हाल पार्किंग का भी है। इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।
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मार्केट में बुनियादी सुविधा के नाम कुछ भी नहीं है, जिसके कारण दुकानदारों के साथ ग्राहकों को भी परेशानी हो रही है। नगर निगम को टैक्स देने के बाद भी किसी तरह की सुविधा प्रदान नहीं की गई है।
त्रिपुरारी नारायण, व्यवसायी
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मार्केट में शौचालय नहीं होने से काफी परेशानी होती है। दुकानदार तो इधर-उधर चले जाते हैं। कम-से-कम महिलाओं के लिए तो व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि उन्हें परेशानी नहीं हो।
रंधीर कुमार केशरी, व्यवसायी
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केपी रोड में अतिक्रमण के कारण इस मार्केट के कारोबार पर असर पड़ा है। केपी रोड की चौड़ाई 60 फीट है, पर अतिक्रमण के कारण महज पांच फीट रह गई है। ग्राहक चाहकर भी मार्केट में नहीं आ पाते।
ऋषि राज, व्यवसायी
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मार्केट के मुख्यद्वार एवं केपी रोड से अतिक्रमण हटाने के संबंध में प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई है, पर कुछ नहीं हुआ। इससे सबके सब परेशान हैं। बाजार प्रभावित हो रहा है।
अरविंद कुमार, व्यवसायी
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मार्केट में किसी तरह की सुविधा नहीं है, जबकि सारे दुकानदार टैक्स दे रहे हैं। सफाई से लेकर नाइट गार्ड तक की व्यवस्था हमलोग खुद अपने खर्च से करते हैं।
राजेश कुमार, व्यवसायी
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नगर निगम को इस मार्केट पर ध्यान देना चाहिए। यहां के लिए कुछ नहीं किया गया है, जबकि यह कारोबार का पुराना केंद्र है। मार्केट में लाइट के नाम एक बल्ब तक नहीं लगाया गया है।
कौलेश्वर प्रसाद गुप्ता, व्यवसायी
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एक स्ट्रीट लाइट तो लगाई जानी चाहिए। सरकारी चापानल है, पर इसका पानी पीने लायक नहीं। इसलिए हमलोग खरीदकर पानी लाते हैं। इन सब समस्याओं का समाधान तो किया जा सकता था।
सुनील कुमार, व्यवसायी
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यहां खरीदारी के लिए आई हूं। पार्किंग नहीं होने के कारण आधा किलोमीटर दूर लहरिया टोला में वाहन खड़ाकर आई हूं। केपी रोड में इतना अतिक्रमण है कि यहां तक वाहन लेकर आना संभव ही नहीं।
सुनीता कुमारी, ग्राहक
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मार्केट में शौचालय का निर्माण नहीं होने के कारण महिलाओं की काफी परेशानी हो रही है। कम से कम एक शौचालय तो होना चाहिए।
मधु पांडे, ग्राहक
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मार्केट के मुख्यद्वार और केपी रोड में अतिक्रमण रहने के कारण यहां आने में काफी परेशानी होती है। पेयजल की व्यवस्था नहीं है। दुकानदारों से ही मांगकर पानी पीना पडता है।
अनुपम कुमारी, ग्राहक
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यहां सबसे अधिक समस्या शौचालय और पेयजल की है। नगर निगम कम-से-कम इन मूलभूत समस्याओं का तो समाधान कर दे। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
बबिता कुमारी
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गया मार्केट में क्या समस्याएं हैं, इसका सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद यहां पेयजल, शौचालय, स्ट्रीट लाइट आदि की व्यवस्था शीघ्र की जाएगी। केपी रोड से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी जल्द की जाएगी।
ईश्वर चंद शर्मा, नगर आयुक्त