खाली प्लॉटों में पसरी गंदगी बिगाड़ रही शहर की सेहत
- फोटो 801 802 एवं 803 ---------- -लाखों खर्च कर पॉश इलाके में मकान बनाकर पछता रहे लोग दिन-रात सताता रहता है मछरों के डंक का खतरा ------------ गंभीर -बारिश के बाद खाली प्लॉट में पड़ी गंदगी बजबजाने लगी -स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम उदासीन लोग हैं परेशान ----------------- -52 सौ सरकारी और गैर सरकारी प्लॉट खाली पड़े हैं निगम क्षेत्र में -07 लाख शहर की आबादी फॉगिंग मशीन महज चार --------- जागरण संवाददाता गया
गया । डॉ. केके सिन्हा और उनकी पत्नी डॉ. जय श्री ने लाखों रुपये में रंग बहादुर रोड में प्लॉट खरीदा। काफी पैसे खर्च करके अच्छा मकान भी बनवाया। अब वे बहुत दुखी हैं। वजह, पड़ोस का खाली प्लॉट। यहां गंदे पानी जमाव है। मच्छरों की प्रजनन स्थली बनी है। अब वे दिन-रात मच्छरों से बचाव के उपाय में लगे रहते हैं।
यह समस्या अकेले डॉक्टर दंपती की नहीं है, बल्कि शहर के हजारों लोगों की है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षो से खाली पड़े प्लॉट बीमारियों के वाहक बने हुए हैं। इनमें च्यादातर कूड़े से पटे हैं। बारिश के बाद खाली प्लॉट में पड़ी गंदगी बजबजाने लगी है। इन प्लॉटों में मच्छर पनप रहे हैं। इसकी सफाई कराकर स्थिति में सुधार लाई जा सकती है, लेकिन नगर निगम उदासीन है।
सप्ताह पहले लगातार चार दिनों तक बारिश हुई थी। इससे खाली प्लॉट में भी जलजमाव हो गया। इसके अलावा कई कॉलोनियों में निकासी की पूर्ण व्यवस्था नहीं होने के कारण भी खाली प्लॉट में ही गंदा पानी जमा हो रहा है। डेंगू सहित अन्य रोगों का खतरा बढ़ गया है।
नगर निगम क्षेत्र में करीब 52 सौ सरकारी और गैर सरकारी प्लॉट खाली पड़े हैं। शहर के गंगा महल, गांधी मोड़, बालाजी नगर, मुस्तफाबाद, धनिया बगीचा सहित अधिकतर कॉलोनियों का यही हाल है। स्थिति यह है कि लोगों का घर में रहना मुश्किल हो गया है। बच्चे गली में निकलने से डरने लगे हैं। दिनोंदिन मच्छर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
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नगर निगम के पास
महज चार फॉगिंग मशीन
शहर की आबादी करीब सात लाख है, लेकिन नगर निगम के पास दवा के छिड़काव के लिए महज चार फॉगिंग मशीन है। इनमें तीन बड़ा और एक छोटा। ऐसे में सभी वार्डो में दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है। शहर की आबादी और क्षेत्र के मद्देनजर 53 मशीन की जरूरत है। प्रत्येक वार्ड में कम से कम एक मशीन होनी चाहिए ताकि समय पर दवा का छिड़काव किया जा सके।
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डेंगू का खतरा अधिक
शहर में दवा का छिड़काव नहीं होने से डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। वैसे में यह मौसम डेंगू के फैलने के लिए अनुकूल है। जब तक मौसम ठंडा नहीं हो जाता इस ओर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
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मशीन की कमी के करने बारी-बारी से वार्ड में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही मशीन की खरीदारी करने के लिए बोर्ड से निर्देश दिया गया है। जल्द 53 मशीनों की खरीदारी की जाएगी। प्रत्येक वार्ड में एक मशीन दवा छिड़काव के लिए दी जाएगी।
अजय कुमार, उप नगर आयुक्त सह सफाई प्रभारी
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आसपास गंदगी से कई रोग उत्पन्न होने का खतरा रहता है। गीला कचरे पर मख्खी एवं मच्छर उत्पन्न होते हैं। इसके कारण मलेरिया, डेंगू एवं डायरिया बीमारी फैलने की संभावना अधिक होती है। साथ ही बदबू निकलने से सांस संबंधित बीमारी भी अधिक होती है। काफी दिनों तक जलजमाव होने से पानी का जलस्तर भी प्रदूषित हो जाता है।
डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह, फिजिशियन