दो चापाकल से कैसे बुझे ग्रामीणों की प्यास
गया। प्रखंड के बंदोहरी गाव के एक हजार लोगों की प्यास बुझाने के लिए महज दो चापाकल हैं। हालांकि, गा
गया। प्रखंड के बंदोहरी गाव के एक हजार लोगों की प्यास बुझाने के लिए महज दो चापाकल हैं। हालांकि, गांव में एक नलकूप है। इसमें सोलर से चलने वाला सबमर्सिबल मोटर लगाया गया है। उक्त मोटर से पांच हजार लीटर वाले टंकी में पानी भरा जाता है। इस टंकी से कुछेक घरों के आगे नल के प्वाइंट दिए गए हैं। इससे किसी तरह ग्रामीण काम चला रहे हैं।
सोलर से चलने के कारण सबमर्सिबल मोटर बहुत देर चलने पर टंकी भरता है। ग्रामीण मो. यासिन, मो. इब्राहिम अंसारी आदि ने बताया कि जब धूप होता है, तो सोलर के सहारे सबमर्सिबल को चालू किया जाता है। धूप नहीं रहने पर चालू नहीं होता है। टंकी से दिए गए प्वाइंट में पानी का वेग नहीं होने के कारण दूर तक नहीं जा पाता। गांव में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट व्याप्त हो जाता है। जब टंकी लगाया जा रहा था तभी टूट गया था। ग्रामीण उसे मरम्मत कराकर काम चला रहे हैं। महज दो चापाकल से गांव के सभी लोगों की प्यास मिट रही और जरूरत पूरी हो रही है। महबूब आलम, नरेश मिस्त्री सहित अन्य के घरों में लगे चापाकल सूख गए हैं। गांव में नल-जल योजना का कार्य शुरू नहीं हुआ है।