Move to Jagran APP

बारिश नहीं होने से तीन प्रखंडों में सुखाड़ के हालात

औरंगाबाद। बारिश नहीं होने से किसान बेचैन हैं। किसान कभी आसमान तो कभी अपनी खेतों को निहार रहे हैं। हालात सुखाड़ जैसी है। गांवों में किसान सुखाड़ आ गया अकाल आ गया चिल्ला रहे हैं। उत्तर कोयल नहर का पानी निचले इलाके तक नहीं पहुंच रहा है। 10 से 15 दिनों से बारिश नहीं हुई है जिस कारण किसानों की परेशानी बढ़ी है। अ

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 09:36 PM (IST)
बारिश नहीं होने से तीन प्रखंडों में सुखाड़ के हालात

औरंगाबाद। बारिश नहीं होने से किसान बेचैन हैं। किसान कभी आसमान तो कभी अपनी खेतों को निहार रहे हैं। हालात सुखाड़ जैसी है। गांवों में किसान सुखाड़ आ गया अकाल आ गया चिल्ला रहे हैं। उत्तर कोयल नहर का पानी निचले इलाके तक नहीं पहुंच रहा है। 10 से 15 दिनों से बारिश नहीं हुई है जिस कारण किसानों की परेशानी बढ़ी है। अगर 10 दिन यही हालात रहे तो जिले के चार प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति भयावह हो जाएगी। वैसे भी जिले में धान रोपनी लक्ष्य से पीछे है। मदनपुर एवं रफीगंज प्रखंड के गांवों में तो दो प्रतिशत भी रोपनी नहीं पाई है। जिला कृषि पदाधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि जुलाई में जितनी बारिश होनी चाहिए थी नहीं हुई। नहर एवं नदियों में पानी का लेबल ठीक नहीं है, जिस कारण कुछ प्रखंडों में परेशानी बढ़ी है। बताया कि मदनपुर, रफीगंज के अलावा देव के गांवों में धान रोपनी के हालात ठीक नहीं हैं। कृषि विभाग ने मदनपुर प्रखंड में 9,000 हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया था। यहां अब तक मात्र 144 हेक्टेयर में धान रोपनी हुई है। यानी कि लक्ष्य का मात्र 1.60 प्रतिशत। इसी तरह रफीगंज में 13,000 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है परंतु यहां मात्र 188 हेक्टेयर में धान रोपनी हुई है। रफीगंज के गांवों में हालात यह है कि खेतों में धान का बिचड़ा सूखता देख किसानों का कलेजा फट रहा है। रफीगंज में लक्ष्य से 98.55 प्रतिशत धान रोपनी दूर है। देव प्रखंड में विभाग ने 9,000 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया था। यहां अब तक मात्र 767 हेक्टेयर धान रोपनी हुई है, जो लक्ष्य का 8.52 प्रतिशत है। सबसे अधिक धान रोपनी बारुण में 5,557 एवं ओबरा में 5,466 हेक्टेयर में हुई है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.