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बिहार के कैमूर में है डॉक्‍टरों का गांव, यहीं के डॉ. संतोष कुमार सिंह बने आइएमए बिहार के संयुक्त सचिव

कैमूर जिले के रामगढ़ निवासी डॉ. संतोष कुमार सिंह को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार इकाई का संयुक्‍त सचिव चुना गया है। देवघर में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में उनके नाम की घोषणा की गई। डॉ. संतोष कैमूर के जिलाध्‍यक्ष रहे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 07:43 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 08:05 AM (IST)
बिहार के कैमूर में है डॉक्‍टरों का गांव, यहीं के डॉ. संतोष कुमार सिंह बने आइएमए बिहार के संयुक्त सचिव
डॉ. संतोष कुमार बने आइएमए के संयुक्‍त सचिव। जागरण आर्काइव

संवाद सूत्र, रामगढ़ (कैमूर)। रामगढ़ थाना क्षेत्र के डरवन गांव निवासी डॉ. संतोष कुमार सिंह को आइएमए (Indian Medical Association) बिहार का संयुक्त सचिव (Joint Secretary) बनाया गया है। झारखंड राज्य के देवघर में आयोजित बिहार कार्यकारिणी की बैठक में  डॉ. संतोष कुमार सिंह के नाम का एलान किया गया। इससे पहले वे कैमूर के जिलाध्‍यक्ष पद पर आसीन थे। उनके मनोनयन से चिकित्‍सा जगत के साथ ही कैमूर के लोगों में भी काफी खुशी है। पहली बार जिले के किसी चिकित्‍सक को संगठन में इतना महत्‍वपूर्ण पद मिला है।

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देवघर में हुई कार्यकारिणी की बैठक में मिला दायित्‍व

देवघर में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने उनके नाम की घोषणा की। इसकी खबर मिलने पर रामगढ़ के चिकित्सकों ने हर्ष व्यक्त किया है। जिले के अन्‍य चिकित्‍सकों ने भी उन्‍हें बधाई दी है। उम्मीद जताई है कि इनके मार्गदर्शन में कैमूर आइएमए का संगठन और सशक्त होगा।बता दें कि झारखंड के देवघर में 24 जनवरी को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बिहार राज्य का वार्षिक अधिवेशन संपन्न हुआ। इसी अधिवेशन के दौरान आइएमए के प्रेसिडेंट डॉ सहजानंद प्रसाद ने वरीय फिजीशियन डॉ संतोष कुमार सिंह को बिहार का संयुक्‍त सचिव बनाए जाने की घोषणा की। इसके पूर्व वे कैमूर आइएमए के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं।

रामगढ़ का डरवन बन गया है डॉक्‍टराें का गांव, हैं 18 एमबीबीएस डॉक्‍टर

बता दें कि डॉ संतोष कुमार सिंह रामगढ़ थाना के डरवन गांव के मूल निवासी हैं। खास बात यह है कि वे जिस डरवन के रहने वाले हैं वहां 18 एमबीबीएस डॉक्टर हैं। उनमें से तीन महिला चिकित्‍सक हैं। एक तरह से यह डॉक्‍टरों का गांव बन गया है। बड़ी संख्‍या में गांव के युवा म‍ेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी में हैं। बच्‍चों का सपना भी डॉक्‍टर बनने का है। कई अन्‍य तरह के पेशे में भी बड़ी संख्‍या में यहां के लेाग हैं।


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