कोरोना वैक्सीन को लेकर एक और भ्रम करें दूर, गर्भवती भी लगवा सकती टीका, मां और शिशु दोनों काे फायदा
सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने के 19 तारीख को सभी प्रसवपूर्व जांच और गर्भवतियों को पडऩे वाले टीटी 1 टीटी 2 या बूस्टर के डोज निशुल्क उपलव्ध हैं।
जागरण संवाददाता, भभुआ। कोरोना संक्रमण के भय ने जितना सामान्य लोगों को प्रभावित किया, उससे कहीं ज्यादा गर्भवतियों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। संक्रमित हो जाने पर अपने और गर्भस्थ शिशु के सेहत के प्रति दुङ्क्षश्चता ने न सिर्फ उनके प्रसव पूर्व जांच, मानसिक स्वास्थ्य और पोषण को नुकसान पहुंचाया है बल्कि गर्भावस्था के दौरान लगने वाले आवश्यक टीकाकरण में बाधक बनी है।
स्थिति अब सामान्य होती जा रही है। इसलिए गर्भावस्था में लगने वाले संपूर्ण टीकाकरण को गंभीरता से लें, क्योंकि इसमें लापरवाही मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में प्रतिदिन लगभग 810 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था या प्रसव के दौरान हो जाती है। इसमें एक महत्वपूर्ण कारण इस दौरान प्रसवपूर्व जांच और टीके लेने में लापरवाही भी है।
अपर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र नाथ ङ्क्षसह बताते हैं कि सुरक्षित मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य के लिए गर्भावस्था के दौरान मां को दिए जाने वाले सभी टीके काफी महत्वपूर्ण होते हैं। यह गर्भवती के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले एंटीबॉडीज बनाकर प्रसव कालीन रोगों से मां को बचाते हैं।
मां से जुड़े गर्भनाल के जरिए गर्भस्थ शिशु में भी यह क्षमता विकसित होती है और प्रसव के बाद भी उन्हें संक्रमण से बचाता है। इसलिए इन टीको को नजरंदाज न करें। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने के 19 तारीख को सभी प्रसवपूर्व जांच और गर्भवतियों को पडऩे वाले टीटी 1, टीटी 2 या बूस्टर के डोज निशुल्क उपलव्ध हैं।
प्रसव पूर्व जांच भी है जरूरी
गर्भावस्था में संपूर्ण टीकाकरण मां शिशु का इम्युनिटी बढ़ाता है तो प्रसव पूर्व जांच उनके मौजूदा स्वास्थ्य की परख कर प्रसव कालीन जोखिमों से बचा कर सुरक्षित प्रसव के लिए तैयार करता है। पूरे गर्भावस्था के दौरान होने वाले चार प्रसव पूर्व जांच से गर्भावस्था के दौरान होने वाली किसी भी शारीरिक असुविधा जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हीमोग्लोबिन की कमी या रक्ताल्पता के बारे में जान कर समय रहते इलाज होना संभव होगा।
इससे प्रसव काल में होने वाली किसी आकस्मिक दुर्घटना और अत्यधिक रक्त स्त्राव को रोक कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कमाया जा सकता है। साथ ही प्रसव के सटीक समय की जानकारी मिल जाने से प्रसवपूर्व की तैयारी आसान हो जाती है। इसलिए ये जांच भी काफी जरूरी है।
बाहर निकले, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकाल के साथ
कोरोना सुरक्षा मानकों के पालन से घर से बाहर भी संक्रमित होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए बिना लापरवाही किए सख्ती से पालन करें और प्रसव पूर्व जांच के लिए जरूर जाएं। अस्पताल जाने के लिए निकलते समय मास्क पहन कर ही निकलें और सैनिटाइजर साथ रखें।
अस्पताल के कतार में एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाएं रखें। ससमय समय पड़ अपने हाथों को सैनिटाइज करते रहें। किसी वस्तु को ना छूएं। धूल या धुएं से बच कर रहें। संक्रमित से दूर रहें। अपने साथ अपना पानी और खाना ले जाएं। घर आने पर स्नान करें ताकि संक्रमित होने की संभावनाएं कम हों। बाहर से आए व्यक्तियों से भी शारीरिक दूरी बनाए रखें।