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कालचक्र मैदान के पास शौचालय में दिलावर ने लगाया था बम

19 जनवरी 2018 को बोधगया में शक्तिशाली बम प्लांट किए गए थे। जनवरी व सितंबर में एनएसजी कमांडो की देखरेख में निरंजना नदी में इसका विस्फोट कराया गया। उस समय काफी दूर तक धमाका हुआ था। इससे बम की शक्ति का अंदाजा लगाया गया कि अगर यह महाबोधि परिसर में फटता तो क्या होता।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 02:43 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 02:43 AM (IST)
कालचक्र मैदान के पास शौचालय में दिलावर ने लगाया था बम

गया। 19 जनवरी 2018 को बोधगया में शक्तिशाली बम प्लांट किए गए थे। जनवरी व सितंबर में एनएसजी कमांडो की देखरेख में निरंजना नदी में इसका विस्फोट कराया गया। उस समय काफी दूर तक धमाका हुआ था। इससे बम की शक्ति का अंदाजा लगाया गया कि अगर यह महाबोधि परिसर में फटता तो क्या होता।

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आठ माह बाद कालचक्र मैदान के समीप एक शौचालय के फ्लश से पिन बम बरामद किया गया था। इसे भी 19 जनवरी को ही प्लांट किया गया था। गनीमत यह कि शौचालय बंद रहने के कारण कोई आता-जाता नहीं था, अन्यथा किसी बड़े हादसे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसे पश्चिम बंगाल के नलहट्टी से गिरफ्तार जमातुल मुजाहिदीन के आंतकी दिलावर हुसैन उर्फ उमर ने प्लांट किया था। उस वक्त कालचक्र मैदान पर तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु पावन दलाईलामा द्वारा कालचक्र पूजा जिस शौचालय में बम प्लांट किया गया था, उसकी दूरी धर्मगुरु दलाईलामा के लिए बनाए गए मंच से महज 40 से 50 गज की दूरी पर है। एनआईए की टीम दिलावर को बोधगया लेकर आई और शौचालय में बम प्लांट करने का सीन क्रिएट कराया। आतंकी ने बताया कि वह बैग लेकर किस तरह शौचालय में गया था। उस बम में पिन लगा था, जिसे निकालकर विस्फोट करने की साजिश थी। उक्त आतंकी संगठन बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल करता है। इससे संगठन के बारे में सुराग मिला।

बुद्धभूमि वर्ष 2013 से आतंकियों के निशाने पर है। 7 जुलाई 2013 को बोधगया में सीरियल बम ब्लास्ट किया गया था, जिसमें विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर में चार शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ। इस घटना में एक बौद्ध भिक्षु सहित एक बौद्ध श्रद्धालु गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। अन्य जगहों से बरामद बमों को डिफ्यूज कर दिया गया। आतंकियों ने 2013 में ऐतिहासिक धरोहर को क्षति पहुंचाने के साथ यातायात व विद्युत व्यवस्था को ठप करने की कोशिश की थी। उसके बाद 19 जनवरी 2018 को फिर ऐसी ही साजिश रची गई, पर इसमें विफल रहे।

----------- क्या हुआ था 19 जनवरी, 2018 को

-महाबोधि मंदिर परिसर व बोधगया में चार जगहों पर मिले विस्फोटक।

-अल्युमीनियम के बर्तन में दस किलो के विस्फोटक।

-एक सफाईकर्मी की नजर पड़ी थी बैग पर। बीएमपी का एक जवान उसे स्कैनर में ले गया।

-विस्फोटक की आशंका के बाद सुरक्षा बल ने संभाला मोर्चा।

-देर रात बताया गया कि बरामद हुए हैं विस्फोटक।

-शाम में ही गेट संख्या चार के पास से मिला था विस्फोटक भरा प्लास्टिक बैग।

-तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक और धर्मगुरु दलाई लामा, हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेरे समेत कई प्रमुख हस्तियां थीं मंदिर परिसर में।

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पुलिस को पौने पांच बजे शाम में मिली पहली सूचना

जागरण संवाददाता, गया : बम बरामदगी के बाद बोधगया थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया कि पुलिस को 19 जनवरी की शाम पहली सूचना 4:45 बजे मिली। अवर निरीक्षक जयप्रकाश सिंह और धनंजय कुमार कालचक्र मैदान पहुंचे तो प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रतिनियुक्त सिपाही मनु कुमार ने कालचक्र के पास संदिग्ध वस्तु देखा है। वह विस्फोट के साथ फट गया। इसकी सूचना एसएसपी को देते हुए उस स्थल को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। इसके बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद ने सघन जांच अभियान चलाया। तलाशी में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका मोनेस्ट्री) की पूर्वी चारदीवारी के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर पेड़ के चारों तरफ बने चबूतरे पर एक झोला में संदिग्ध वस्तु मिला। तीसरा बम बोधगया महाबोधि मुख्य द्वार उत्तरी गेट संख्या- 4 पर एक झोला में मिला।

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पहुंचा सीआरपीएफ का बम निरोधक दस्ता

सूचना मिलते ही 159 सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ता के प्रभारी हवलदार मनोज, एसएसबी के बम निरोधक दस्ता के प्रभारी पुलिस निरीक्षक राजीव (कैंप धनावां), बिहार एसटीएफ के प्रभारी पुलिस अवर निरीक्षक रमेश चंद्र मंडल, बीएमपी-3 ने वहां पहुंचकर जांच की। कालचक्र मैदान के पास फटा बम कम शक्तिशाली था, जहां से लाल पीले रंग का फीता मिला। एक टुकड़े में ¨रग लगा था, जिसमें पिन घुसा था। विद्युत तार भी लगा हुआ था। साथ ही बैटरी का तार एक दूसरे से एक्सेप्लोडेड डेटोनेटर जुड़ा था। एक छोटे होल्डर पर 1 हजार एमएल वैक्यूम फ्लास्क लिखा हुआ डिब्बा है। बरामद डिब्बा पर सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड चकदह नागपुर इंडिया लिखा हुआ पाया गया। टीम ने बाद में वहां भी जांच की।

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विस्फोटक का वजन था पांच किलो

गेट संख्या-4 के पास मिले झोले में बम के डब्बा पर 45 लिखा हुआ था। इसे लोहे के चदरे में स्क्रू कसकर तैयार किया गया था। संदिग्ध आईईडी का वजन करीब 5 किलोग्राम बताया गया। यह बात प्राथमिकी में दर्ज है।

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चिह्नित किए गए पांच संदिग्ध

उस समय चार-पांच संदिग्धों को चिह्नित किया गया था। प्राथमिकी में इस बात का जिक्र था कि आतंकवादी संगठन यहां जानमाल की क्षति के लिए भयंकर साजिश रच रहे हैं। यह प्राथमिकी बोधगया थानाध्यक्ष शिवदत्त महतो ने 20 जनवरी को दर्ज की थी।


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