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धरहारा गाववासी जूझ रहे पानी की समस्या से

फोटो 35 से 41 व 48 गांव में तालाब पोखरा न होने से जल संरक्षण नहीं हो पाता संवाद सूत्र कोंच

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 02:15 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 02:15 AM (IST)
धरहारा गाववासी जूझ रहे पानी की समस्या से
धरहारा गाववासी जूझ रहे पानी की समस्या से

गया । प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मंझियावा पंचायत का धरहारा गाव स्थित है। फिर भी यहां मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित हैं। जहा आज भी नली गली व पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। सिंचाई का समुचित व्यवस्था के कारण धान की रोपनी नहीं हो पाई। सिंचाई के लिए नहर, ट्यूवेल, तालाब, पोखरा आदि नहीं है। इसके चलते जल संरक्षण नहीं हो पाता है। सड़क बनाने में घोर अनियमितता के शिकायत : रफीगंज ददरेजी पथ से धरहारा गाव तक जाने वाले ग्रामीण टोला सम्पर्क निश्चय योजना के पीसीसी पथ का निर्माण कार्य कराये एक वर्ष हो चुका है। लेकिन एक वर्ष में ही सड़क पर दरारे पड़ चुकी हैं। इतना ही दो पुलिया भी एक वर्ष में ही क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

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विद्यालय तक पहुंचने में नेरा नदी बाधक : धरहारा गाव से विद्यालय तक पहुंचने के लिए नेरा नदी बाधक है। इतना ही नहीं विद्यालय दो तरफ से नदी के किनारे पर अवस्थित है। मिट्टी के कटाव के कारण कभी भी विद्यालय का नुकसान पहुंच सकता है। बारिश के समय में नदी में बाढ़ से बच्चों को विद्यालय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। दुर्घटना की आशका बनी रहती है।

आगनबाड़ी भवन का अभाव :

गाव में आगनबाड़ी भवन का अभाव है। भवन के नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई सेविका द्वारा घर में ही करायी जाती है। जिससे बच्चों को समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। जनवितरण प्रणाली में अनियमितता:

गाव में जनवितरण प्रणाली के दुकानदार द्वारा काफी अनियमितता बरती जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार चार रुपये गेहूं व चावल दोनों एक ही कीमत पर दिया जाता है। गाव का इतिहास :

धरहारा गाव का नाम पृथ्वीधराचार्य जी के नाम से पड़ा है। पृथ्वी धराचार्य गुरु शकराचार्य के शिष्य थे। जो बौधिष्ठों व पृथ्वीधराचार्य के बीच सत्यार्थ हुआ। सत्यार्थ में बौधिष्ठों ने हार मान ली थी। इसी कारण धरहारा गाव का नाम पड़ा। जबकि धरहारा मठ में अवस्थित शिवमंदिर पंचमुखी महादेव का है। जिसमें 360 मठों का गुरुद्वारा है और सातवा पीठाधीश है।

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मंझियावा पंचायत मुख्यालय में दो दशक से अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र बना है। यहां एक भी चिकित्सक के नहीं आने से पंचायत के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोगों को काफी नुकसान हो रहा है।

- मंजू देवी मुखिया

धरहारा मेला में जाने वाले रास्ते में दो पुल की आवश्यकता है। पुल के अभाव में मेला में आनेवाले मवेशियों को लेकर ग्रामीणों को भी नदी में घुसकर पार करना पड़ता है। इसके अलावे धरहारा बाधी में पईन उड़ाही व गार्ड लाइन की आवश्यकता है। हुसेचक महादलित टोला में भी सड़क नहीं है।

राजबब्बर सिंह

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नेरा नदी में बारिश के समय में ही पानी आता है। सिंचित भूमि से नदी काफी नीचे रहने के कारण खेतों की सिंचाई नहीं हो पारी है। जिसका नतीजा है कि सिंचाई के अभाव में खेती करना संभव नहीं हो पाता है।

सहबली यादव

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गाव में स्वास्थ्य केंद्र का अभाव है जिससे मरीजों को रात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यदि स्वास्थ्य केंद्र गाव में सरकार खोल देती है तो समस्या का समाधान हो सकता है।

रामप्रवेश यादव फोटो

रफीगंज से ददरेजी पथ से सटे गाव तक आनेवाली सड़क पर पीसीसी का निर्माण कराये और उसपर पुलिया का निर्माण कराये मात्र एक साल हुआ है लेकिन पीसीसी में दरार के साथ पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसकी जाच कर दोषी पर कारवाई होनी चाहिए।

महेन्द्र चौहान

प्रस्तुति : एनके राही

मो. 7372833671


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