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बिहार के गया में तिलकुट, केसरिया पेड़ा, अनरसा एवं लाई को जीआई टैग में शामिल करने की मांग उठी

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के दौरे के दौरान मिठाई विक्रेता संघ ने ज्ञापन सौंप कर मांग की। कहा सिलाव का खाजा मिठाई को जीआई टैग में मान्यता मिल गई है। गया का तिलकुट केशरिया पेड़ा अनरसा एवं लाई भी प्रसिद्ध क्षेत्रीय मिठाई है। इन्‍हें भी जीआई टैग का दर्जा मिले।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 07:11 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 08:13 AM (IST)
बिहार के गया में तिलकुट, केसरिया पेड़ा, अनरसा एवं लाई को जीआई टैग में शामिल करने की मांग उठी
गया का प्रसिद्ध तिलकुल बनाता कारीगर, जागरण फाइल फोटो।

बोधगया, जागरण संवाददाता।  उद्योग सह प्रभारी मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को बिहार राज्य मिष्ठान भोजन विक्रेता संघ ने एक पत्र सौंपा है। जिसमें तिलकुट, केशरिया पेड़ा, अनरसा एवं लाई को जीआई टैग में शामिल किया जाए। अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि सिलाव का खाजा मिठाई को जीआई टैग में मान्यता मिल गई है। खाजा को क्षेत्रीय मिठाई से उपर का दर्जा मिल चुका है। उसी तरह गया का तिलकुट, केशरिया पेड़ा, अनरसा एवं लाई भी प्रसिद्ध क्षेत्रिय मिठाई है। देश भी में लोग उक्त मिठाई को पसंद करते है। उक्त मिठाई को जीआई टैग का दर्जा दिलाकर इस व्यवसाय में लगे लोगों का विकास एवं सालोभर रोजगार मुहैया करा सकते है।

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गया औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न समस्याओं को लेकर भाजपा नेता व लघु उद्योग भारती बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष कृष्णनंदन प्रसाद ने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन शनिवार को गया दौरे पर सौंपा। उन्होंने अपने मांग पत्र में कहा है कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2018 के अंतर्गत एकमुश्त राशि जमा योजना लाया था। इस योजना के अंतर्गत बिहार झारखंड राज्य के हजारों इकाई को लाभ मिला। लाभ मिलने के पश्चात पुन: कई कार्यरत हो गए। लेकिन जिन उद्योगों को पुरानी मशीन थी। उन्हें कार्यशील पूंजी देने से इनकार कर दिया। इसके कारण ऐसे उद्योग बंद पड़े हैं। बियाडा यदि ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो की स्थापना कर लाइसेंस सुगमता से उपलब्ध कराएं तो उन्हें सुविधा होगी। साथ ही उन्हें सड़क, नाला, पानी, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की व्यवस्था हो। कोरोना काल में बंद पड़े उद्योगों को आर्थिक मदद की जाए। बिजली की सुलभ व्यवस्था की जाए और कम से कम 20 घंटे बिजली मिले। इंडस्ट्रियल एरिया में जिन भूखंडों का पूर्ण राशि भुगतान हो चुका है, उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उद्योग लगाने की सुविधा दें और इन उत्पादों को सुलभ बाजार उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की जाए।


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