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कोरोना संक्रमण से बचाव को गिलोय, तुलसी व अश्वगंधा की मांग बढ़ी

फोटो 201 202 -आयुर्वेदिक दवा दुकानों में खूब बिक रही गिलोय अश्वगंधा तुलसी की दवा -रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर दवाओं की बिक्री 20 फीसद तक बढ़ी -श्वसन तंत्र संबंधी दवा भी 5-10 फीसद तक बाजार में बढ़ी जागरुकता आई जागरण संवाददाता गया

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:40 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से बचाव को गिलोय, तुलसी व अश्वगंधा की मांग बढ़ी

गया । वनस्पतियों से तैयार दवा हर मर्ज को ठीक करने में कारगर मानी गई है। मौजूदा कोरोना दौर में आयुर्वेदिक दवाओं की महत्ता और बढ़ गई है। आयुर्वेदिक दवा दुकानों में रोग प्रतिरोधक क्षमता से संबंधित दवाओं की अच्छी मांग है। इनमें सर्वाधिक गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, मधुरिष्टि, पीपल जैसे आयुर्वेदिक तत्वों से बनी दवाओं की मांग ज्यादा है।

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आकलन के अनुसार, सामान्य दिनों की तुलना में 20 फीसद तक आयुर्वेदिक दवाओं के खरीदार अधिक पहुंच रहे हैं। खरीदारों में बुजुर्गो की संख्या अधिक है। इनकी वर्षो का विश्वास है। कोरोना संकट में श्वसन तंत्र से संबंधित मरीजों के लिए भी आयुर्वेदिक दवाएं रामबाण बन रही हैं। शहर के टिकारी रोड में आयुर्वेद सागर के एस.भदानी बताते हैं कि कोरोना की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसे आयुर्वेद के प्रति आम लोगों को जागरूक किया। श्वसन तंत्र की 5-10 प्रतिशत तक दवाएं इस समय अधिक बिक रहीं। पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ, धूतपापेश्वर, हिमालया कंपनियों में बनने वाली दवाओं की मांग अच्छी है। एपी कॉलोनी में भारत स्वाभिमान के जिला संयोजक प्रमोद कुमार पतंजलि आयुर्वेद की दवाएं बेचते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं में बाबा रामदेव की पतंजलि की दवाएं की मांग भी अच्छी है। गिलोय टेबलेट, गिलोय जूस, गिलोय सत की अच्छी मांग है। साथ ही तुलसी का भी उपयोग बढ़ा है। प्रमोद बताते हैं कि अश्वगंधा का कैप्सूल, चूर्ण, सीरप ये सभी इम्यूनिटी बढ़ाने में सक्षम हैं। इनकी अच्छी मांग है। आयुर्वेद की जड़ी-बुटी की दुकान से भी जानकार लोग गिलोय, तुलसी आदि खरीदकर ले जाते हैं।

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लॉकडाउन-4 में छूट मिली तो आयुर्वेद अस्पताल में दिखने लगी रौनक

जिला संयुक्त औषधालय में आयुर्वेद की दवा लेने के लिए हर रोज 15-20 मरीज आते हैं। लॉकडाउन फोर में मरीज कुछ ज्यादा आ रहे हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रामाकांत कुमार बताते हैं कि आयुर्वेद में अनेक ऐसी दवाएं हैं जो कोरोना संक्रमण से बचाव करती हैं। वह शीतोपलादी चूर्ण के अलावा जेठीमध, अश्वगंधा, गिलोय की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर के पास बड़ी तादात में गिलोय की वनस्पतियां पेड़ पर है। लोगों को यह दिया जाता है। मधुरिष्टि का काढ़ा बनाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वह विटामीन सी के लिए लोगों को आंवला चूर्ण की चटनी बनाकर खाने की सलाह देते हैं।

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सैनिटाइजर के रूप में नीम व

गिलोय के पत्ते का प्रयोग

कोरोना की शुरुआती दौर में जब सैनिटाइजर की किल्लत हुई तो अनेक लोगों ने नीम की पत्तियां, गिलोय, एलोबेरा व फिटकिरी की मदद से लिक्विड तैयार की। इससे हाथ को शुद्ध करने के साथ ही घर की साफ-सफाई में भी उपयोग हुआ।


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