गीली मिट्टी से बच्चों ने बनाए फैंसी दीये
जागरण संवाददाता, गया : बच्चों में कला का सृजन और विलुप्त होते पौराणिक संस्कृति के प्रति जागरुक
जागरण संवाददाता, गया : बच्चों में कला का सृजन और विलुप्त होते पौराणिक संस्कृति के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से दीपावली से पूर्व ज्ञानोदय विद्यालय पंचानपुर में गीली मिट्टी से कलात्मक फैंसी दीया बनाने का दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार को मूर्ति कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत इंद्रदेव भारती, फाइन आर्ट के वरिष्ठ कलाकार नवलेश कुमार और ज्ञानोदय विद्यालय के निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह न संयुक्त रूप से किया।
दो दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित विद्यालय के छात्र एवम छात्राओं को दीपावली में विलुप्त होते मिट्टी के दीये के प्रचलन, मिट्टी के दीये के स्थान पर मोमबत्ती और कृत्रिम इलेक्ट्रिक लाइट के प्रचलन के लाभ और हानि से संबंधित विस्तृत जानकारिया दी गई।
वरिष्ठ मूर्तिकार इंद्रदेव भारती ने बच्चों को मूर्ति बनाने से पूर्व मिट्टी को तैयार करने, गीली से कलात्मक दीये बनाने के क्रम में इसके बारीकियों को बताया। भारती की देखरेख में विद्यालय के बच्चों ने भी कलात्मक दीये का निर्माण किया। इन्होंने इसे कलरफुल बनाने के बारे में भी बच्चों को जानकारिया दीं। कलात्मक दीये बनाकर बच्चे काफी खुश हुए।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में वरिष्ठ चित्रकार नवलेश कुमार ने बच्चों को चित्रकला के बारीकियों को बतलाया। उन्होंने बहुत ही आसान तरीके से चित्र बनाने, रंग भरने के साथ साथ आकर्षक लुक देने के तरीके भी बच्चों को बताया गया। किताबी शिक्षा के साथ ज्ञानोदय विद्यालय में दिए जा रहे आर्ट की शिक्षा से छात्रों में काफी उत्साह दिखा। प्रशिक्षक भी कला के प्रति छात्रों की बढ़ते लगाव के काफ ी खुश नजर आए।