कोरोना से होती रहीं मौतें लेकिन चालू नहीं हो सका वेंटिलेटर, हाल कैमूर जिले के सदर अस्पताल का
कोरोनावायरस से कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन विडंबना यह कि सदर अस्पताल में मरीजों के लिए संजीवनी साबित होने वाला वेंटिलेटर रखा रह गया। स्थानीय स्तर पर टेक्निशियन की तलाश होती रही। अब तीसरी लहर की संभावना भी है।
भभुआ (कैमूर), जागरण संवाददाता। कोरोनावारयस ने कैमूर जिले में भी कहर बरपाया। कई लोगों की जान ले ली। लेकिन विडंबना देखिए कि इतना सब होने के बावजूद स्वास्थ्य महकमा कितना बेपरवाह बना रहा कि वेंटिलेटर को चालू तक नहीं किया। कोरोना लहर के पूर्व सदर अस्पताल को छह वेंटीलेटर उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन अब तक Technician के अभाव में उसे क्रियाशील नहीं किया जा सका। जबकि जिले के काफी लोग कोरोना की चपेट में आने से काल के गाल में समा चुके है।
वेंटिलेटर नहीं हुए चालू तो मिली पांच बाइपेप मशीन
विभागीय संवेदनहीनता का आलम यह रहा कि वेंटीलेटर के उपलब्ध होने के बाद कोरोना महामारी का प्रभाव शुरू होने के पूर्व या बाद में भी उसे क्रियाशील कराने की ठीक से पहल नहीं की गई। अगर कुछ प्रयास किए गए भी हो तो उसकी जानकारी आमजन तो क्या अखबार के लोगों को भी नहीं हो पाई। दूसरी तरफ राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी या खुद सरकार के विभागीय मुखिया भी वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के बाद इसे चालू कराने की बात अपनी व्यस्तता के कारण शायद भूल गए। हांलाकि कोरोना महामारी के दौरान से अबतक लगभग प्रतिदिन होने वाली वीसी में पटना के वरीय पदाधिकारी जिला के स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने वेंटिलेटर के क्रियाशील न होने का मुद्दा बताए जाने पर पहले स्थानीय स्तर पर टेक्निशियन की खोज कर उसे चालू कराने निर्देश देते रहे। यह जरूर अहम बात रही कि वेंटिलेटर क्रियाशील न होने की बात बार-बार सामने आने पर पांच बाइपेप मशीन जरूर उपलब्ध काराकर कोरम पूरा कर दिया।
स्थानीय स्तर पर मिले ही नहीं टेक्निशियन
हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर एसीएमओ सह प्रभारी सीएस डॉ मीना कुमारी ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार जिला स्तर पर टेक्निशियन की तलाश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बात की जानकारी भी वरीय पदाधिकारियों को वीसी के माध्यम से दी जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोगियों की जांच, एक्टिव मरीजों की संख्या, होम व सदर अस्पताल, एएनएम सेंटर तथा अनुमंडल अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ-साथ कोरोना से मृत लोगों की संख्या की जानकारी प्रेस को मुहैया कराई जा रही है। कोरोना से मरने वालों की संख्या में वृद्धि होने से आमजन में दहशत न फैले शायद इसलिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर से जारी सूचना 74 मृतकों की संख्या पहुंचने के बाद दो सप्ताह पूर्व से बीते बुधवार तक मृतकों की संख्या को हटा कर दिया गयाहै।