मातृभाषा हमारी पहली स्वभाविक भाषा : कुलपति
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर गुरुवार को ।
गया। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. हरिश्चंद्र सिंह राठौर ने कहा कि मातृभाषा हमारी पहली स्वभाविक भाषा है। मनुष्य का शारीरिक, मानसिक तथा संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास मातृभाषा के उपयोग से ही संभव है। मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए और हमें इसका अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। हमारे विचार हमारी भाषा में ही उत्पन्न होते हैं और दूसरी भाषाओं को भी सीखने का प्रयास करते हैं। राजभाषा के सहायक निदेशक प्रतीश कुमार दास ने कहा कि मातृभाषा वह होती है, जिसे हम मां की गोद में सीखते हैं। अपनी तोतली जुबान में सर्वप्रथम इसे प्रकट करते हैं। हमारा देश विविध भाषाओं का देश है। इसके बावजूद भाषायी विविधता में एकता पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. सनत कुमार शर्मा, सामाजिक संकाय के प्रो. एसएन सिंह सहित कई लोगों ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में छात्रा रीभा कुमारी प्रथम, ऐश्वर्या प्रियदर्शनी साहू द्वितीय और राहुल कुमार यादव तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें पुरस्कृत किया गया।