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कैमूर में जुलाई के अंदर सीटी स्कैन व आक्सीजन प्लांट हो जाएंगे चालू

जिले में कोरोना महामारी के संभावित तीसरी लहर का सामना करने की तैयारी अंतिम चरण में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 05:38 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:44 PM (IST)
कैमूर में जुलाई के अंदर सीटी स्कैन  व आक्सीजन प्लांट हो जाएंगे चालू
कैमूर में जुलाई के अंदर सीटी स्कैन व आक्सीजन प्लांट हो जाएंगे चालू

कैमूर। जिले में कोरोना महामारी के संभावित तीसरी लहर का सामना करने की तैयारी अंतिम चरण में है। सदर अस्पताल में सिटी स्कैन व 500 एलपीएम के आक्सीजन प्लांट लगाने का चल रहा कार्य जुलाई माह में पूरा हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है। दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के होने वाली परेशानी को दूर करने के प्रयास में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगी हुई। जिला प्रशासन व विभागीय वरीय पदाधिकारियों के द्वारा बराबर कार्य की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। मार्च 2021 से शुरू व बीते 15 जून तक दूसरी लहर के दौरा आरटीपीसीआर से 540, टूनेट से 934 व एंटीजन से हुई जांच में 970 यानी कुल 2444 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसमें से 146 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इसमें ब्लैक फंगस से दुर्गावती की एक महिला की वाराणसी में हुई मौत भी शामिल है। फिलवक्त जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के निर्देशानुसार भभुआ व मोहनियां में 400 तथा अन्य प्रखंडो में प्रतिदिन सभी माध्यमों से तीन-तीन सौ लोगों के कोविड 19 के जांच की व्यवस्था बनाई गई है।

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क्या है व्यवस्था, किन कमियों को दूर करने का चल रहा प्रयास-

जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में 25 बेड के नोबल कोरोना वार्ड सहित कुल 150 मरीजों को भर्ती कर इलाज करने की व्यवस्था उपलब्ध है। इसमें से 50 बेड तक पाइप से आक्सीजन पहुंचाने की भी व्यवस्था है। इस व्यवस्था को सभी बेडों तक पहुंचाने की पहल प्रक्रियाधीन है। दूसरी लहर में 25 चिकित्सक व 50 एएनएम के सहारे कार्य करने में हुई परेशानी को देखते हुए चिकित्सकों व नर्सों की संख्या बढाने के लिए विभागीय प्रयास चल रहा है। आक्सीजन प्लांट के शुरू हो जाने से औरंगाबाद से आक्सीजन मंगाने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। संक्रमितों के इलाज में काम आने वाली दवाएं उपलब्ध है और दवा मंगाने के लिए इंडेंट भेजा गया है। कोविड जांच की व्यवस्था सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी पर है। इसकी संख्या बढाने की कार्रवाई की जा रही है। जिले को मिले पांच वेंटीलेटर को क्रियाशील करने के लिए टेक्निकल कर्मी उपलब्ध करा लिया गया है। तीन सदर अस्पताल व दो मोहनियां में उपलब्ध है। सिलेंडर से आक्सीजन न ले पाने वाले मरीजों के सीधे फेफड़े में आक्सीजन पहुंचाने के लिए पांच वाईपेप मशीन उपलब्ध है।

क्या कहते है अधिकारी-

इस संबंध में पूछे जाने पर दूसरे कोरोना महामारी के प्रभावी कार्यकाल में महति भूमिका निभाने वाले सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि बीते संक्रमण के दौर में कार्यरत चिकित्सकों व नर्सों ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई है। ब्लैक फंगस के रोगी की पहचान होने पर उसे तत्काल इलाज के लिए वाराणसी भेजा गया था। दूसरी लहर के दौरान इलाज में हुई परेशानी के सभी समस्याओं का समाधान वरीय पदाधिकारियों से समन्वय कर कराया जा रहा है। शीघ्र सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। संक्रमित मरीजों को भर्ती कर इलाज करने के लिए वैकल्पिक बेडों की व्यवस्था भी रखी गई है।


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