सावन की अंतिम सोमवारी पर शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु
गया। सावन के अंतिम सोमवारी पर शहर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह चार बजे से हीं शिवभक्तों के शिवालयों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। खासकर महिलाओं में पूजा-अर्चना को लेकर काफी उत्साह देखा गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में दिनोंभर शिवभक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेशंकर पर फल, फूल, नैवेद्य,भांग, धथुरा, बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, घी आदि चढ़ाकर पूजा-अर्चना किया। इसके साथ ही शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपने पूरे परिवार की मंगल कामना की। पूजन के दौरान शिवभक्त हर-हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे। पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर कमेटी द्वारा लाइट लगाकर आकर्षक ढंग से सजाया गया था। शिवालयों की खूबसूरती देखते बन रही थी। पूजन को लेकर शिवभक्तों में काफी उत्साह देखा गया।
मार्कंडेय मंदिर में लाइन में लगकर श्रद्धालुओं ने किया पूजा
अंतिम सोमवारी पर पूजा का रंग अलग है शहर के मार्कंडेय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। पूजा-अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं सुबह से मंदिर पहुंच रहे थे। जहां लाइन में लगाकर मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग का पूजा, अर्चना एवं दर्शन श्रद्धालु कर रहे थे। मंदिर के पुजारी लक्ष्मण गिरि ने कहा कि अंतिम सोमवारी को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ है। मंदिर करीब 15 हजार श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना किया। उन्होंने कहा कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना का अलग महत्व है। ऐसी धारणा है कि सावन माह में भगवान भोले शंकर अपने पूरे परिवार के साथ शिवालय में विराजमान रहते हैं। सावन माह में भगवान भोलेशंकर की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
स्फटिक शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
शहर के उत्तर दिशा में स्थित रामशिला मंदिर में स्फटिक शिवलिंग को श्रद्धालुओं ने पूजा, अर्चना के साथ जलाभिषेक किया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। जहां हरहर महादेव के जयघोष से मंदिर गूंज रहा था। यही हाल परपिता महेश्वर महादेव, पितामहेश्वर महादेव, फलकेश्वर महादेव, चाणक्यपुरी शिवमंदिर सहित कई शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ थी। पुजारी दीपनारायण पांडेय ने कहा कि सावन के माह में सोमवार को उपवास यानी व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी मन की चंचलता दूर होती है।