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Kaimur: कोरोना वैक्‍सीन पूरी तरह सुरक्षित, अफवाहों को दूर करने के लिए गांवों में चला जागरुकता अभियान

गांवों में यह भ्रामक प्रचार किया गया है कि कोरोनावायरस का टीका लगवाने से लोग मर रहे हैं जबकि ऐसा नहींं है। जनसंपर्क अभियान के दौरान गांव के लोगों ने अपनी बात कहते हुए कहा कि लोग कह रहे थे कि टीका लगवाने से मर जाएंगे।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 09:50 AM (IST)
कैमूर के गांव में कोरोना का टीका लेने के लिए लोगों को जागरूक करते स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी। जागरण।

जागरण संवाददाता, भभुआ। स्वस्थ भारत केन्द्र के संस्थापक सह महानिदेशक प्रभाकर तिवारी द्वारा बिहार के कैमूर जिला के गांवों में कोरोना टीका से संबंधी फैले गलत जानकारियों को दूर करने के लिए लगातार जन सम्पर्क व जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

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प्रभाकर तिवारी ने बताया कि गांवों में यह भ्रामक प्रचार किया गया है कि कोरोनावायरस का टीका लगवाने से लोग मर रहे हैं, जबकि ऐसा नहींं है। जनसंपर्क अभियान के दौरान गांव के लोगों ने अपनी बात कहते हुए कहा कि लोग कह रहे थे कि टीका लगवाने से मर जाएंगे, जिससे डरकर हमने नहीं लगवाया। लेकिन, ऐसा नहीं है। यह सच जानने के बाद अब हम टीका जरूर लगवाएंगे।

महामारी के आने वाली तीसरी लहर से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक गांवों में  जन सम्पर्क अभियान चलाकर लोगों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही उनसे बातचीत कर उनके सवालों का जवाब दे टीका लगवाने संबंधी संदेहों को भी दूर किया गया। टीकाकरण जागरूकता अभियान के साथ-साथ योग चिकित्सक प्रभाकर तिवारी द्वारा नियमित योगाभ्यास करते रहने का आह्वान किया गया। ताकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और शरीर में आक्सीजन स्तर बढ़ सके और इस तरह लोग महामारी के आने वाली तीसरी लहर से सुरक्षित रह सके।

वहीं फीट इंडिया मूवमेंट के अंतर्गत लोगों को अपनी नियमित दिनचर्या दुरुस्त रखते हुए, योगाभ्यास करते हुए अपनी स्वास्थ्य रक्षा के लिए जागरूक भी किया गया। स्वच्छता अभियान के तहत अपने आस-पास के क्षेत्रों को नियमित साफ-सुथरा रखने के लिए सभी ग्रामिण पुरुष और महिलाओं से आह्वान किया गया। इस जनसंपर्क और टीकाकरण जागरूकता अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के वरिष्ठ लोग भी इस अभियान में शामिल होकर लोगों को टीका लगवाने को कह प्रेरित किया, जिसमें सदन सहित अन्य लोग भी शामिल थे।

गांव में रह प्रतिस्पर्धी परीक्षा कि तैयारी कर रहे छात्रों में से विजेंदर नाम के एक स्नातक छात्र ने प्रभाकर तिवारी को बताया कि शहरों पर लोग ध्यान देते हैं। मगर इस गांव के अंदर कैमूर प्रशासन की ओर से महामारी की पहली लहर से लेकर अभी आने वाली तीसरी लहर से सावधान करने के लिए सूचना देने तक कोई नहींं आया था, हमें खुशी है कि आप यहां हमारे बीच आकर हमें जागरूक कर रहे हैं और यौगिक क्रियाओं की हमें महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।

निश्चित रूप से हम आपकी बात मान टीका लगवाएंगे और नियमित योगाभ्यास भी करते रहेंगे। इस दौरान युवा समाजसेवी दिलीप कुमार तिवारी ने लोगों को बताया कि ऐसा जरूरी नहीं है कि टीका लगवाने के बाद सबको बुखार आए। कई लोगों में टीका के बाद बिल्कुल भी बुखार के लक्षण सामने नही आते, इसलिए सभी टीका लें।

उन्होंने महिलाओं सहित अन्य गांव निवासियों को भभुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर टीकाकरण होने की सूचना दी। स्वस्थ भारत केन्द्र द्वारा गांव के सभी लोगों को टीका के वैज्ञानिक पक्ष के बारे में बताकर कहा गया कि चूकि टीका में वीकेंड कोविड वायरस ही होते हैं। इसलिए टीका लगवाने के शुरू के 2-3 दिन बुखार या असुविधाजनक महसूस होता है। इस दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को खत्म करने की एंटिबाडी बना रही होती है। यह बुखार तीन दिन में अपने आप खत्म हो जाता है। इसके लिए पीएचसी से पैरासिटामोल की टैबलेट लेकर सेवन कर सकते हैं।

इस दौरान गांव के लोगों ने योग चिकित्सक प्रभाकर तिवारी से योग सीखने की इच्छा जताई तो उन्होंने यह बात मानते हुए अगले ही दिन से सबको विभिन्न योगाभ्यास करवाने के लिए अपनी सहमति दे दी। अब अगले कुछ दिनों तक सभी गांव निवासियों को नियमित नि:शुल्क योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आखिर में लोगों से निवेदन किया कि टीका लगवाकर जो युद्ध कोरोना के विरूद्ध चल रहा है उसकी जीत में भारत सरकार का साथ दें।

विदित हो कि निति आयोग, भारत सरकार द्वारा मिले दिशा निर्देशों सहित पत्र के अनुसार स्वस्थ भारत केन्द्र के  तत्वावधान में बिहार में लगातार टीकाकरण जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य जागरूकता एवं योग प्रशिक्षण अभियान चलाया जा रहा है। ताकि वैश्विक महामारी के आघातों से लोगों, परिवारों को बचाया जा सके। यह जागरूकता अभियान स्वस्थ भारत केन्द्र द्वारा प्रमुख रूप से गांवों में अब युद्धस्तर पर जनांदोलन के स्वरूप में चलाया जा रहा है।

गांव के युवा निवासियों का भी इस कार्य भरपूर सहयोग मिल रहा है। वे भी शहर के समकक्ष गांव को विकसित होते देखना चाहते हैं। इसी के साथ सभी गांव के युवकों को रोजगार परक विभिन्न प्रशिक्षणों से अवगत कराया गया। योग में करियर संबंधित जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम के अंत में योग पर एक संक्षिप्त परिचर्चा भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रभाकर तिवारी द्वारा यह बताया गया कि आज के समय में हम योग सीखकर खुद को स्वस्थ रखते हुए लोगों को भी सही स्वास्थ्य पद्धति अपनाने के लिए जागरूक कर एक तरह से परमार्थ का कार्य कर सकते हैं। यही नहीं बल्कि आगे चलकर योग में करियर बनाने के लिए कई अच्छे अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा आज के समय में योग की प्रमाणिक जानकारी रखना शारीरिक, मानसिक, समाजिक, आध्यात्मिक, आर्थिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण, उपयोगी व लाभप्रद साबित हो सकता है।


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