केंद्र सरकार के फैसले का सीएम नीतीश ने किया विरोध, कहा- OTA बंद करना बिहार के साथ अन्याय
बिहार के गया में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) को बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विरोध किया है। उन्होंने इसे लेकर सरकार को पत्र लिखा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। गया में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) को बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विरोध किया है। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर रक्षा मंत्रालय के फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि जनता के हित में ओटीए को बंद नहीं किया जाना चाहिए। यह बिहार के लोगों के साथ अन्याय होगा।
पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि उन्हें यह जानकारी मीडिया में आ रही खबरों से मिली है। उसके बाद से मैं काफी परेशान हूं। बिहार में बहुत कम सैन्य संस्थान हैं। ऐसे में सेना को मजबूती देने वाले इस प्रतिष्ठित संस्थान को बंद करने का रक्षा मंत्रालय का फैसला उचित नहीं है। ऐसे में मेरा आग्रह है कि रक्षा मंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें।
नीतीश ने कहा है कि रक्षा मंत्री खुद जानते हैं कि सेना में अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए 2011 में गया में ओटीए की स्थापना की गई थी।
उन्होंने कहा है कि गया की पहचान ऐतिहासिक है। यहां प्रत्येक साल देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह संस्थान इस क्षेत्र में न केवल रोजगार के अवसरों को सृजित करता है, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों में सुरक्षा की समझ भी बढ़ाता है। साथ ही इस क्षेत्र की बड़ी आबादी की आजीविका का जरिया भी है। मुख्यमंत्री ने 2009 में रक्षा मंत्रालय की ओर से बिहार सरकार को दिए गए आश्वासन की याद दिलाते हुए रक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि सेना ने ओटीए को बंद करने का प्रस्ताव दिया है, क्योंकि जिस मकसद से इसको बनाया गया है, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। फिलहाल एकडेमी में 250 कैडेट प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि इसकी क्षमता 750 की है।