मशीन रहने के बाद भी मजदूरों से हो रही नालों की सफाई
गया। बरसात को देखते हुए शहर में नालों की सफाई नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। इससे शहर में बारिश होने पर जलजमाव की स्थिति न बने। मशीन रहते हुए भी नाले की सफाई मजदूरों को लगाकर कराया जा रहा है।
गया। बरसात को देखते हुए शहर में नालों की सफाई नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। इससे शहर में बारिश होने पर जलजमाव की स्थिति न बने। मशीन रहते हुए भी नाले की सफाई मजदूरों को लगाकर कराया जा रहा है। इससे पूरी तरह से नाले की सफाई नहीं हो रही है। साथ ही नालों से निकलने वाला मलवा भी सड़क पर कई दिनों तक छोड़ दिया जा हरा है। इससे आमलोगों को सड़क पर चलने में काफी परेशानी हो रही है। मशीन से नाले की सफाई होने से पर यह नौबत नहीं बनती। मलबा पसरे रहने के कारण सड़क कीचड़ में बदल गया है। शहर में छोटे एवं बड़ा नाला करीब दो सौ की संख्या है। जिसमें सात प्रमुख नाले है। बड़े नाले की सफाई मशीन से किया जा रहा है। लेकिन छोटा नाले की सफाई मजदूरों से कराया जा रहा है। इन नालों की मशीन से होगी सफाई:
शहर में प्रमुख सात नाले हैं। इसमें मनसरवा नाला, नादरगंज नाला, कुजापी नाला, मोती पहलवान नाला, बाटम नाला, पंचायती अखाड़ा नाला आदि हैं। उक्त नालों की सफाई मशीन से कराई जाएगी। नाले की सफाई के लिए नगर निगम ने एक करोड़ 98 लाख की राशि से डिस्सेंटिग मशीन की खरीदारी की है। इससे नालों की सफाई आसानी से हो सके। नालों की सफाई में दो करोड़ रुपये होंगे खर्च
शहर में नाली की सफाई में नगर निगम का दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम के सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि नाले की सफाई मजदूर के साथ-साथ मशीन से भी किया किया जा रहा है। बड़े नाले की सफाई मशीन से कराई जा रही है। छोटे नालों की सफाई मजदूरों लगाकर किया जा रहा है। उम्मीद है कि मानसून आने तक नाले की सफाई हो जाएगी। इससे बरसात में शहर में जलजमाव के स्थिति ना बने। जलजमाव से लोगों की काफी परेशानी होती है। नाले की सफाई से बारिश का पानी पूरी तरह से निकल जाएगा।