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गया के सिविल सर्जन ने कहा- अपने लाडले को जरूर खिलाइए अलबेंडाजोल टैबलेट, रहेंगे तंदुरुस्‍त

राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का शुभारंभ बुधवार को गया के जयप्रकाश नारायण अस्‍पताल में किया गया। सिविल सर्जन ने इसका टैबलेट खिला अभियान की शुरुआत की। उन्‍होंने कहा कि सेहतमंद बने रहने के लिए पेट का हानिकारक कृमि मुक्‍त होना जरूरी है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 03:14 PM (IST)
सिविल सर्जन के सामने दवा खाती बच्‍ची। जागरण
जागरण संवाददाता, गया। आपका बच्चा अक्सर पेट में दर्द की शिकायत करता है। उसका जी मिचलाता है। भूख भी कम लगती है तो संभव है कि आपके बच्चे के पेट में हानिकारक कृमि की अधिकता हो। सरकार ने आपके बच्चों की तंदुरुस्त सेहत के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Worm Eradication Program) के तहत अल्बेंडाजोल की टिकिया खिलाने का अभियान शुरू किया है। गया जिले में इस बार 27 लाख 44 हजार 616 बच्चों को यह दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोग्राम में दो से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल का टैबलेट खिलाया जाएगा।
सिविल सर्जन ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
गया के सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय ने अल्बेंडाजोल प्रोग्राम का उदघाटन बुधवार को जयप्रकाश नारायण अस्पताल में किया। इस दौरान वहां बच्चों को कृमिनाशक टैबलेट ख्‍ािलाया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि अाज से शुरू यह कार्यक्रम 10 मार्च तक जिले भर में चलाया जाएगा। सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ ही आंगनबाड़ी स्तर पर बच्चों को यह दवा दी जाएगी। उम्र के अनुसार बच्चे को दवा खिलानी है।
दो से तीन साल तक के बच्चों को खानी है आधा गोली
डीआइओ डॉ. सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि एक साल तक के बच्चे को यह दवा  नहीं देनी है। दो से 3 साल तक के बच्चे को आधा गोली खिलाई जाएगी। वहीं तीन से 19 साल तक उम्र वर्ग में एक गोली दी जाएगी। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। कार्यक्रम के उदघाटन मौके पर  डीपीएम नीलेश कुमार, यूनीसेफ एसएमसी अजय किरोबिम, आरआई कंसल्टेंट मनोज कुमार राव,अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार अम्बष्ट, डीएमएनई अखिलेश कुमार, यूएनडीपी रविरंजन कुमार,यूनीसेफ बीएमसी नीरज कुमार अम्बष्ट, डीआईओ कार्यालय के कर्मी मकसूद आलम, डॉ. फिरोज सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।
सरकारी स्कूलों में लक्षित 10.75 लाख बच्चे
सरकारी स्कूलों के 10 लाख 75 हजार 778 बच्चों को अल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी। जबकि आइसीडीएस के 6 लाख 75 हजार 598 बच्चों को यह दवा दी जाएगी। आशा व आंगनबाड़ी केंद्र की मदद से बच्चों को दवा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी प्रखंडों में यह दवा भेज दी गई है।

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