चितौड़गढ़ का फालूदा दिला रहा लोगों को गया कि गर्मी से राहत, आकर्षक ठेले को देख जुट रही ग्राहकों की भीड़
गया शहर की सड़कों पर इस समय आवाज सुनाई देती है की चित्तौड़गढ़ के फालूदा ले लो भाई। गर्मी में प्यास बुझा लो भाई। यह आवाज गया शहर के सडक़ पर दोपहर से लेकर शाम तक सुनाई देती है।
संजय कुमार, गया। गया शहर की सड़कों पर इस समय आवाज सुनाई देती है की चित्तौड़गढ़ के फालूदा ले लो भाई। गर्मी में प्यास बुझा लो भाई। यह आवाज गया शहर के सडक़ पर दोपहर से लेकर शाम तक सुनाई देती है। क्योंकि गर्मी प्रारंभ होते हैं राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से काफी संख्या में लोग फालूदा एवं ठंडाई बेचने के लिए पहुंच जाते हैं। अच्छी एवं गाड़ी कमाई होने के कारण पूरे परिवार शहर में रहकर आराम से जीवन व्यतीत करते हैं। राजस्थान से करीब 50 से 60 परिवार फालूदा बेचने के लिए शहर में आए हुए हैं। जो शहर के कई स्थानों पर ठेला लगाकर फालूदा, आइसक्रीम ,काजू सेक, राबड़ी एवं कुल्फी बेच रहे।
गर्मी प्रारंभ होते ही पहुंचने लगते हैं राजस्थान से लोग
शहर में गर्मी प्रारंभ होते ही राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से फालूदा बेचने के लिए लोग पहुंचने लगते हैं। जो शहर के धर्मशाला एवं अन्य स्थानों पर किराए के मकान लेकर रहते हैं। चित्तौड़गढ़ से आए रमेश पुरी ने कहा कि यह काम एक दशक से कर रहा हूं। 15 फरवरी के बाद से फालूदा बैठने के लिए गया शहर पहुंच जाता हूँ। जो दीपावली तक शहर में रहकर फालूदा आइसक्रीम काजू शेक बादाम शेक एवं कुल्फी बेचते हैं। जैसे-जैसे गर्मी तेज होती है बिक्री में भी तेजी आती है। अभी तो प्रत्येक दिन 800 से लेकर ₹1000 तक की बिक्री हो रही है। लेकिन मई महीने से बिक्री 3 गुना अधिक हो जाएगा। क्योंकि गर्मी के साथ-साथ बिहार में लग्न भी प्रारंभ हो जाता है। लग्न में तो बिक्री कहे ही नहीं। घंटा दो घंटा में सारा सामग्री बिक जाता है।
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