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बदल रहा मौसम, ठंड का होने लगा अहसास; नवादा के डॉक्‍टर बोले- बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर दें विशेष ध्यान

हवा में हल्की-हल्की ठंड का अहसास शुरू हो चुका है। इस बदलते मौसम में स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं यानी सर्दी खांसी या बुखार की संभावना बढ़ जाती है। इस समय हमे अपने घर के बड़े-बुजुर्गों की सेहत का भी खास ख्याल रखने की आवश्यकता है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 04:27 PM (IST)
बदल रहा मौसम, ठंड का होने लगा अहसास; नवादा के डॉक्‍टर बोले- बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर दें विशेष ध्यान
डॉक्‍टर ने बदलते मौसम में स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देने की दी सलाह। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, नवादा। हवा में हल्की-हल्की ठंड का अहसास शुरू हो चुका है। इस बदलते मौसम में स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं यानी सर्दी, खांसी या बुखार की संभावना बढ़ जाती है। इस समय हमे अपने घर के बड़े-बुजुर्गों की सेहत का भी खास ख्याल रखने की आवश्यकता है, क्योंकि कई बार बुजुर्ग दूसरों पर ही निर्भर रहते है। ठंड के मौसम में सर्दी हो जाना बिलकुल सामान्य बात है। लेकिन यह कोरोना संक्रमण का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है। इसलिए बड़े बुजुर्गों पर विशेष स्वास्थ्य संबंधी निगरानी जरूरी है। इस परिस्थिति में किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं। ठंड मधुमेह, रक्तचाप के साथ कई और स्वास्थ्य समस्याओं को लाता है। डा. एके अरूण ने बताया ठंड बढऩे से बुजुर्गों में डायबिटीज, रक्तचाप और हाइपरटेंशन जैसी परेशानी के बढऩे की आशंका रहती है।

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दरअसल, मौसम बदलते ही हमारी जीवनशैली भी बदलने लगती है। प्यास कम लगने की वजह से हम पानी कम पीते हैं। इससे कई तरह की समस्या हो सकती है। ठंड के कारण शरीर में खून के संचार के लिए हार्ट को ज्यादा पंप करना पड़ता है। हार्ट का काम बढ़ जाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और फिर हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। ठंड के कारण धुंध बढ़ती है और धुंध होने की वजह से प्रदूषण के कण नीचे आ जाते हैं, जो हार्ट तक पहुंचते हैं। इससे हार्ट की बीमारी की आशंका बनी रहती है। उम्र के ज्यादा हो जाने के कारण बीमारी से लडऩे की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है और सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द जैसी परेशानियां के साथ बुजुर्गों में सांस की परेशानी या अस्थमा का अटैक सबसे सामान्य समस्या है। इसलिए इससे बचाव के लिए घर में आक्सीजन के विकल्प हमेशा तैयार रखें।

इन बातों का रखें ख्याल

डा. नरेंद्र प्रसाद ने बताया कि अस्थमा, डायबिटीज, हाई बीपी, दिल की बीमारी की परेशानी से जूझ रहे बुजुर्गों को इस मौसम में गुनगुना पानी पीना चाहिए, ताकि सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या दूर रहे। गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना काफी फायदेमंद होता है। मार्निग वॉक या योगा का सहारा लेकर शरीर और मन को चुस्त दुरुस्त रखें। ज्यादा मसालेदार भोजन से परहेज करें ताकि कब्ज एसीडिटी से बच सकें। संभव हो तो डायबिटीज के मरीज और 60 साल से ज्यादा की उम्र के बुजुर्ग कोलेस्ट्राल टेस्ट जरूर कराएं, क्योंकि इस मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए नसें सिकुडऩे लगती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है। इससे खून के संचार में परेशानी आती है और फिर पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण दिल का काम आम दिनों के मुकाबले बढ़ जाता है।


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