Move to Jagran APP

RTI: बिहार के रोहतास में आवेदन की तिथि बदलना पड़ गया महंगा, थानदेार व एएसआइ पर होगी कार्रवाई

रोहतास जिले के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के आरटीआइ कार्यकर्ता ने प्राथमिकी के आवेदन पर तिथि बदलने का मामला उजागर किया है। अब इस मामले में डीआइजी ने तत्‍कालीन थानेदार और एएसआइ पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 08:13 AM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 08:13 AM (IST)
सूचना के अधिकार कानून ने फंसायी गर्दन। प्रतीकात्‍मक फोटो

सतीश कुमार, सासाराम (रोहतास)। ये सोचना गलत है कि तुम पर नजर नहीं, मशरूफ हम बहुत हैं,मगर बेखबर नहीं... आरटीआइ कार्यकर्ता ने इन शब्‍दों को चरितार्थ कर दिया है। मामला जिले के बिक्रमगंज थाना में दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है। इसके आवेदन पर तिथि बदलने का मामला आरटीआइ से सामने आया है। अब शाहाबाद रेंज के डीआइजी पी कन्नन ने दोषी तत्कालीन थानाध्यक्ष से लेकर थाना लेखक (मुंशी) पर कार्रवाई करने का निर्देश एसपी को दिया है। डीआइजी ने माना है कि थानाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे पुलिस अधिकारी ने गैर जिम्मेदाराना कार्य किया है। उसपर कार्रवाई होनी चाहिए।

loksabha election banner

मोबाइल चोरी की कराई थी प्राथ‍मिकी

आरटीआइ कार्यकर्ता नटवार थाना के बरुना गांव निवासी नारायण गिरी ने 15 अक्टूबर 2019 को मोबाइल चोरी की प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन बिक्रमगंज थाना में दिया था। पहले तो प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी की गई, काफी प्रयास के बाद जब प्राथमिकी दर्ज भी की गई तो तत्कालीन थानाध्यक्ष अतवेंद्र सिंह ने प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन की तिथि को बदलकर 18 अक्टूबर बना दिया। नारायण गिरी को इसका पता चला। उन्‍होंने सूचना के अधिकार कानून का सहारा लिया। जब आवेदन की तिथि बदलने का मामला सामने आया तो उन्‍होंने सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। काफी दिनों तक पुलिस के अधिकारियों ने मामले की लीपापोती का प्रयास किया। उसे दबाने का प्रयास भी किया, लेकिन हार नहीं मानने की जिद पाले आरटीआइ कार्यकर्ता इस मामले में डीआइजी तक से सूचना मांगते रहे। डीआइजी के निर्देश पर एसपी ने मामले की जांच करने की जिम्मेवारी बिक्रमगंज एसडीपीओ को दी। जांच के दौरान एसडीपीओ ने भी अपनी रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की है कि आवेदक के पास उपलब्ध आवेदन प्राप्ति कॉपी में अंकित तिथि 15 अक्टूबर है, जबकि आवेदन पत्र में पुलिस अधिकारियों ने 15 तारीख को 18 बना दिया गया है।

तत्‍कालीन थानाध्‍यक्ष अतवेंद्र सिंह व एएसआइ पर गिरेगी गाज

जांच में एसडीपीओ ने बिक्रमगंज के तत्कालीन प्रभारी थानाध्यक्ष अतवेंद्र सिंह व सहायक अवर निरीक्षक सह थाना लेखक विनोद पासवान को दोषी ठहराया है। डीआइजी ने एसडीपीओ की रिपोर्ट के बाद एसपी को कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया है। रायण गिरी कहते हैं कि दोषी पुलिस अधिकारियों पर केवल कार्रवाई नहीं होनी चाहिए बल्कि आवेदन में जो छेड़छाड़ की है उन पुलिस अधिकारियों पर फर्जीवाड़ा की प्राथमिकी भी दर्ज होनी चाहिए। इसके लिए भी वे लड़ाई लड़ेंगे। कहा कि कानून पुलिस व आम नागरिक के लिए समान है और उनके आवेदन में तिथि परिवर्तित करना फर्जीवाड़ा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.