खाना खाकर सोने गया था बौद्ध भिक्षु, सुबह कमरे में मिला शव, पुलिस कर रही जांच
बोधगया में ब्लाइंड स्कूल चलाने वाले एक बौद्ध भिक्षु ने आत्महत्या कर ली है। रात में वह खाना खाकर सोया और सुबह कमरे से उसका शव बरामद किया गया। पुलिस कारणों की जांच कर रही है।
गया, जेएनएन। बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तीपुर में शनिवार को एक बौद्ध भिक्षु ने आत्महत्या कर ली। मृतक बौद्ध भिक्षु 35 वर्षीय भंते प्रज्ञा शील दयानंद यादव के मकान में रहकर पंचशील ब्लाइंड आवासीय स्कूल चलाता था। वो उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले का रहने वाला था।
भंते प्रज्ञाशील अपने माता पिता के साथ रहकर बोधगया में अंधे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का कार्य करता था। संस्था में लगभग 15 छात्र आवासीय तौर पर निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, जिसमें से 10 छात्र दीपावली की छुट्टियां मनाने अपने घर गये हैं।
संस्था के रसोईया ने बताया कि शुक्रवार की देर रात प्रज्ञा शील भंते खाना खाकर अपने कमरे में सोने चले गए थे। जब सुबह कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से किसी तरह की हलचल नहीं हुई, जब काफी देर तक उन्होंने दरवाजा नहीं तो उसके बाद खिड़की से झांककर देखा तो वो सोए पड़े थे।
कमरे का दरवाजा खोला गया तो देखने के बाद भंते मृत मिले। इस घटना की जानकारी सुबह आसपास के लोगों ने बोधगया थाने दी गई । मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष मोहन प्रसाद सिंह ने कहा कि बौद्ध भिक्षु ने आत्महत्या किया है। कारणों की जांच की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
घटना के बाद भंते के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं छात्रावास में रहने वाले बच्चे भी रो रहे हैं। बच्चों ने बताया कि भंते उनसे बहुत प्यार करते थे। अब उनकी देखभाल कौन करेगा? अब उन्हें कौन पढ़ाएगा?
थानाध्यक्ष मोहन प्रसाद सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरत पहुंची और बच्चों से, भंते के माता-पिता, रसोईया से अलग-अलग पूछताछ की जाएगी।