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नूतन प्रयोग से स्वच्छता में अव्वल रहा बोधगया

राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में बोधगया नगर पंचायत को सूबे में पहला स्थान सफाई का मिला है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 05:30 PM (IST)
नूतन प्रयोग से स्वच्छता में अव्वल रहा बोधगया
नूतन प्रयोग से स्वच्छता में अव्वल रहा बोधगया

गया। राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में बोधगया नगर पंचायत को सूबे में पहला स्थान सफाई कार्य में नूतन प्रयोग व सतत निगरानी के कारण प्राप्त हुआ है।

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इसकी घोषणा इंदौर में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विधिवत रूप से गत शनिवार को की गई। इसके पहले गत 21 जून को बोधगया नगर पंचायत को नई दिल्ली में एक एजेंसी द्वारा नूतन प्रयोग के लिए स्कॉच अवार्ड के तहत ब्रांज मेडल प्राप्त हो चुका है। नगर पंचायत द्वारा सफाई के क्षेत्र में संचालित कार्यो का सर्वे शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्थल सर्वेक्षण व ऑनलाइन प्रकिया के तहत चार जनवरी से 16 मार्च तक कराया गया था। सर्वेक्षण में सफाई कार्यो का आकलन, ऑनलाइन वोटिंग और जनता से गोपनीय तरीके से नगर पंचायत के कार्यो का फीडबैक लिया गया था। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार व उपाध्यक्ष मनोरमा देवी ने बताया कि पहले शहर की सफाई सुबह में होती थी। इसमें बदलाव कर तीन पालियों में सफाई शुरू की गई। इसके लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती की गई। साथ ही डोर टू डोर सूखे व गीले कचरे का उठाव शुरू किया गया। इससे नाली जाम की समस्या समाप्त हुई। इस कार्य के लिए महिला समिति को प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसमें सभी वार्ड पार्षदों व शहरवासियों का भी भरपूर सहयोग मिला। वार्डो में सामुदायिक शौचालय व स्नानागार का निर्माण कराया गया, जिसका उपयोग लोगों ने करना शुरू किया। इसके कारण नगर पंचायत को ओडीएफ का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आदतन अभी भी खुले में शौच कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए लगातार मॉनेट¨रग की जा रही है। उपाध्यक्ष मनोरमा देवी ने कहा कि शहर को पूर्व से नो हॉर्न जोन, नो स्मोकिंग जोन व पालिथिन फ्री जोन घोषित किया गया है। यह भी प्रथम स्थान दिलाने में सहायक सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि अब पूर्वी जोन में बोधगया नगर पंचायत को और बेहतर रैंक दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस वर्ष पूर्वी जोन में 460 शहरों में इसे 185 वां स्थान प्राप्त हुआ है। वे कहती हैं कि सिवेज व सिवरेज योजना को मूर्तरूप दिया जाता तो पूर्वी जोन में बेहतर रैंक प्राप्त होता। यह योजना आधी-अधूरी है।


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