डायबिटीज मरीजों के लिए काम की खबर, आपके लिए यहां उगाई जा रही 'ब्लैक राइस'
डायबिटीज में लाभकारी पश्चिम बंगाल में उगाई जाने वाली ब्लैक राइस की खेती अब बिहार के मगध प्रक्षेत्र में भी शुरू की गई है। यह पहल की है गया जिले के एक डाॅक्टर ने।
By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 10:55 PM (IST)
गया [राकेश कुमार]। डायबिटीज मरीजों के लिए यह काम की खबर है। उनके लिए उपयोगी ब्लैक राइस की खेती पश्चिम बंगाल के बाद पहली बार बिहार के मगध प्रक्षेत्र में भी शुरू की गई है। गया जिले के बेलागंज प्रखंड के कचनामा गांव निवासी डॉ. विकास कुमार शर्मा ने प्रयोग के तौर पर 15 कट्ठा खेत में ब्लैक राइस की खेती की है। वे पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं।
कोलकाता की प्रदर्शनी में मिली जानकारी
डॉ. शर्मा बताते हैं कि 2017 में कोलकाता में आयोजित एक प्रदर्शनी में गए थे। वहां काला चावल देखने के बाद इसके बारे में जानकारी लेने की लालसा जागी। इस क्रम में पता चला कि इस चावल के उपयोग से मधुमेह की बीमारी दूर होती है। इस रोग के मरीजों के लिए यह ब्लैक राइस काफी लाभदायक है।
मधुमेह से पीडि़त मां को हुआ फायदा
उन्होंने इसके परीक्षण और प्रामाणिकता के लिए प्रदर्शनी में एक किलो चावल खरीद लिया। इसे अपनी मां वसंती देवी (62) को खिलाना शुरू किया। वे मधुमेह की मरीज हैं। उन पर इसका अच्छा असर हुआ। पहले शुगर का स्तर 200 से 250 के बीच रहता था। दवा, संयम और परहेज के बाद भी बहुत सुधार नहीं हुआ।
वे बताते हैं कि जब से यह चावल खा रही हैं, शुगर का स्तर 100 से 150 के बीच है। कोई परहेज भी नहीं करतीं। इसके बाद इस चावल को अपने खेत में उगाने का मन बनाया।
ऑनलाइन बीज मंगाकर की शुरुआत
उन्होंने खेती के लिए ऑनलाइन ब्लैक राइस बीज मंगाया। ऑनलाइन मंगाने पर इसकी कीमत 1850 रुपये प्रति किलो चुकानी पड़ी। इसके बाद 14 कठ्ठा खेत में इसकी खेती शुरू की। प्रति कठ्ठा दो मन यानी 80 किग्रा की उपज हुई। उन्होंने बताया कि 14 कठ्ठा खेत में उपजे धान की कीमत व्यापारी छह लाख से अधिक तक देने को तैयार हैं।
सामान्य धान की तुलना में कम पानी
डॉ. विकाश ने बताया कि बगैर किसी रासायनिक खाद और कीटनाशक दवा के ब्लैक राइस की खेती की है। सामान्य धान के मुकाबले 30 फीसद कम पानी में ब्लैक राइस की खेती की जा सकती है। इसके काले रंग के धान में चावल का दाना भी काला होता है।
ब्लैक राइस के और भी है फायदे
ब्लैक राइस डायबिटीज के अलावे अन्य कई बीमारियों में भी लाभकारी है। इस चावल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। एक महीना इस्तेमाल के बाद ही फायदा दिखने लगता है। इनमें प्रोटीन, विटामिन और कई तरह के खनिज पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। इन चावलों मे फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पेट की बीमारियाें से बचाती है। इनमें पाया जाने वाला खास तत्व हृदय की बीमारियों में भी लाभकारी है।
मधुमेह क्या है, जानिए
डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, में खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण अग्न्याशय द्वारा पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करना है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाए तो हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, अल्सर और आंखों को नुकसान आदि हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में मौत तक हो सकती है।
कोलकाता की प्रदर्शनी में मिली जानकारी
डॉ. शर्मा बताते हैं कि 2017 में कोलकाता में आयोजित एक प्रदर्शनी में गए थे। वहां काला चावल देखने के बाद इसके बारे में जानकारी लेने की लालसा जागी। इस क्रम में पता चला कि इस चावल के उपयोग से मधुमेह की बीमारी दूर होती है। इस रोग के मरीजों के लिए यह ब्लैक राइस काफी लाभदायक है।
मधुमेह से पीडि़त मां को हुआ फायदा
उन्होंने इसके परीक्षण और प्रामाणिकता के लिए प्रदर्शनी में एक किलो चावल खरीद लिया। इसे अपनी मां वसंती देवी (62) को खिलाना शुरू किया। वे मधुमेह की मरीज हैं। उन पर इसका अच्छा असर हुआ। पहले शुगर का स्तर 200 से 250 के बीच रहता था। दवा, संयम और परहेज के बाद भी बहुत सुधार नहीं हुआ।
वे बताते हैं कि जब से यह चावल खा रही हैं, शुगर का स्तर 100 से 150 के बीच है। कोई परहेज भी नहीं करतीं। इसके बाद इस चावल को अपने खेत में उगाने का मन बनाया।
ऑनलाइन बीज मंगाकर की शुरुआत
उन्होंने खेती के लिए ऑनलाइन ब्लैक राइस बीज मंगाया। ऑनलाइन मंगाने पर इसकी कीमत 1850 रुपये प्रति किलो चुकानी पड़ी। इसके बाद 14 कठ्ठा खेत में इसकी खेती शुरू की। प्रति कठ्ठा दो मन यानी 80 किग्रा की उपज हुई। उन्होंने बताया कि 14 कठ्ठा खेत में उपजे धान की कीमत व्यापारी छह लाख से अधिक तक देने को तैयार हैं।
सामान्य धान की तुलना में कम पानी
डॉ. विकाश ने बताया कि बगैर किसी रासायनिक खाद और कीटनाशक दवा के ब्लैक राइस की खेती की है। सामान्य धान के मुकाबले 30 फीसद कम पानी में ब्लैक राइस की खेती की जा सकती है। इसके काले रंग के धान में चावल का दाना भी काला होता है।
ब्लैक राइस के और भी है फायदे
ब्लैक राइस डायबिटीज के अलावे अन्य कई बीमारियों में भी लाभकारी है। इस चावल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। एक महीना इस्तेमाल के बाद ही फायदा दिखने लगता है। इनमें प्रोटीन, विटामिन और कई तरह के खनिज पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। इन चावलों मे फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पेट की बीमारियाें से बचाती है। इनमें पाया जाने वाला खास तत्व हृदय की बीमारियों में भी लाभकारी है।
मधुमेह क्या है, जानिए
डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, में खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण अग्न्याशय द्वारा पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करना है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाए तो हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, अल्सर और आंखों को नुकसान आदि हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में मौत तक हो सकती है।
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