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Bihar Politics: मंत्री मदन सहनी के समर्थन में अफसरशाही के खिलाफ जदयू कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश, सीएम से विचार करने का आग्रह

Bihar Politics जदयू रोहतास जिला के डेहरी में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंत्री मदन सहनी ने अफसरों के आगे जनप्रतिनिधि की नहीं चलने की बात उठाई है। मुख्यमंत्री को इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बेलगाम अफसरों पर लगाम लगाने की जरुरत है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 07:08 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 09:41 AM (IST)
Bihar Politics: मंत्री मदन सहनी के समर्थन में अफसरशाही के खिलाफ जदयू कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश, सीएम से विचार करने का आग्रह
समाज कल्‍याण मंत्री मदन सहनी व सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर।

डेहरी ऑन-सोन (रोहतास), संवाद सहयोगी। Bihar Politics: बिहार में अफसरशाही के खिलाफ रविवार को जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने एनीकट झारख्ंडी परिसर के पास प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष दिपक निषाद के मार्गदर्शन में प्रदर्शन किया तथा अफसरशाही समाप्त करने की मांग की गई।

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कार्यकर्ताओं का कहना था कि समाज कल्याण मंत्री तथा अति पिछड़ा समाज के नेता मदन साहनी द्वारा सरकारी तंत्र पर अफसरशाही हावी होने की बात कही गई है। उन्होंने अफसरों के आगे जनप्रतिनिधि की नहीं चलने की बात उठाई है। मुख्यमंत्री को भी इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

 बेलगाम अफसरों पर लगाम लगाई जाए

प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव डा. सतीश कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि मदन साहनी के द्वारा जो बातें कहीं गई है, वह सत्य है। अफसरों के द्वारा कहीं भी पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दिया जाता है और नहीं उनकी बातों को सुना जाता है। जब मंत्री की बातों को उनके अधिकारी नही सुनेंगे, तो आम जनता की कौन सुनेगा। जनता दल यू एक लोकतांत्रिक पार्टी है तथा कार्यकर्ताओं का विश्वास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर है। अत: कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि बेलगाम अफसरों पर लगाम लगाई जाए। प्रदर्शन में नगर अध्यक्ष अमन कुमार, दिलीप कुमार, ईश्वर दयाल चौधरी, नईमुद्दीन इदरीसी, रामजी चौधरी, रहमत हुसैन, मनीष कुमार समेत अन्य शामिल थे।

बता दें कि चार-पांच दिन पहले समाज कल्‍याण मंत्री मदन सहनी ने अफसरों पर बात ना सुनने की नाराजगी देते हुए इस्‍तीफा देने की घोषणा की थी। उन्‍होंने कहा था कि मैं पिछड़ी जाति से हूं, इसलिए मुझे दबाया जाता । अफसर बात नहीं सुनते। ट्रांसफर की फाइल प्रमुख सचिव ने दबा रखी है। जब मैं गरीब जनता का काम ही नहीं कर सकता तो गाड़ी और बंगले का क्‍या करूंगा, अपने पद से इस्‍तीफा दे दूंगा। हालांकि बाद में उन्‍होंने इस मुद्दे पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर अंतिम फैसला लेने की बात कही थी।


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