Bihar Panchayat Chunav Result 2021: परिणाम ने बढ़ाई निवर्तमान जनप्रतिनिधियों की बेचैनी
पंचायत चुनाव में पहले चरण के नतीजे आने के बाद से ही बाकी बचे पंचायतों के प्रत्याशियों की धड़कन तेज हो गई हैं। कल तक अपने जीत का दावा करने वाले प्रत्याशी चुनाव का परिणाम देख मंथन में जुट गए हैं।
जागरण संवाददाता, सासाराम। पंचायत चुनाव में पहले चरण के नतीजे आने के बाद से ही बाकी बचे पंचायतों के प्रत्याशियों की धड़कन तेज हो गई हैं। कल तक अपने जीत का दावा करने वाले प्रत्याशी चुनाव का परिणाम देख मंथन में जुट गए हैं। रविवार को पहले चरण के 15 पंचायतों का मतगणना कार्य संपन्न हुआ। इस दौरान 476 पदों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ। चुनाव में निवर्तमान के साथ साथ नए चेहरे भी अपना किस्मत आजमा रहे थे। जनता ने भी इस बार नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा जताया है। चुनाव लड़ रहे 80 फीसद निवर्तमान प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा।
- पूर्व के अधिकांश पंचायत प्रतिनिधियों को मिली हार
- बीस फीसद निवर्तमान जनप्रतिनिधियों को ही नसीब हुई जीत
नए चेहरों में इस बार युवाओं और महिलाओं की संख्या अधिक है। अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि 25 से चालीस वर्ष के हैं। संझौली प्रखंड के जन्मेजय सिंह, राहुल कुमार, विवेक पांडेय, कामता प्रसाद सिंह आदि ग्रामीणों का कहना है की किसी भी देश एयर राज्य का विकास उसके गांवों के विकास पर ही निर्भर होता है। समृद्ध गांव ही एक संपन्न राज्य व राष्ट्र निर्माण की पहली सीढ़ी है। ग्रामीणों के अनुसार एक से अधिक बार लगातार निर्वाचित प्रतिनिधि पद पाने के बाद अपने आप को राजा तथा जनता को प्रजा वाली निगाह से देखते हैं। जिन्हें चुनाव जीतने के बाद अपनी तिजोरी भरने के अलावा पंचायत की जनता के सुख दुख से कोई सरोकार नहीं होता।
ऐसे प्रतिनिधि सिर्फ नाम के ही होते है, किसी काम के नहीं। इस वजह से इस बार जनता ने भी बदलाव का विचार किया। वहीं हारे हुए प्रत्याशियों का तर्क है की आज भी मतदाता विकास के बदले जाती फैक्टर को अधिक महत्व देते हैं। इस वजह से पंचायत में बेहतर विकास कार्य के बावजूद हार का मुंह देखना पड़ता है, जो कि समाज और क्षेत्र के विकास हित में काफी नुकसानदायक है।