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Bihar Mishap: गया के बाराचट्टी में दीवार गिरने से मां-बेटी की मौत, मलबे में दबे शव को ग्रामीणों ने निकाला

लगातार हो रही बरसात के कारण दोवाट गांव में जिन लोगों का मिट्टी का घर था उसमें से अधिकांश लोगों का गिर गया है। इस कारण गांव के लोग दूसरे के घरों या अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर रह रहे हैं।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 06:58 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 06:58 AM (IST)
Bihar Mishap: गया के बाराचट्टी में दीवार गिरने से मां-बेटी की मौत, मलबे में दबे शव को ग्रामीणों ने निकाला
हादसे पर रोती बिलखती महिलाएं व गिरी मिट्टी की दीवार। जागरण।

संवाद सूत्र, बाराचट्टी (गया)। जिले के बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत जयगीर पंचायत के दोवाट गांव में सोमवार की देर शाम मिट्टी की दीवार गिर गई। इससे मलबे में दबकर बाले सिंह खरवार की पत्नी व पुत्री की मौके पर ही मौत हो गई। दीवार के मलबे में दबने के कारण बसंती देवी व उनकी पुत्री रूबी कुमारी के शव को ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला। सूचना मिलने के बाद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को मंगलवार की अलसुबह पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेज दिया है।

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मृतका के पति बाले सिंह खरवार ने बताया कि हमारे घर के बगल में लालदेव सिंह खरवार की मिट्टी की दीवार थी। वहीं पर मेरी पत्नी व बेटी गिट्टी को उठाकर घर में लाकर रख रही थी। तभी अचानक पानी की नमी से तहाबोर दीवार के गिर जाने से बेटी व पत्नी की दबने के कारण दोनों की मौत हो गई।

गांव में कई लोग हो गए बेघर

लगातार हो रही बरसात के कारण दोवाट गांव में जिन लोगों का मिट्टी का घर था, उसमें से अधिकांश लोगों का गिर गया है। इस कारण गांव के लोग दूसरे के घरों या अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर रह रहे हैं। बतसिया देवी बताती हैं कि हम लोगों का घर आज भी मिट्टी का है। गांव में आज यह घटना हो गई, लेकिन इससे पहले भी कई लोग बचते आ रहे हैं। सोए रहने पर अचानक भर-भराकर मिट्टी की कच्ची दीवार गिर जाती है। शांति देवी कहती हैं कि गांव में अभी भी कई घर ऐसे हैं, जो मिट्टी के हैं। उनकी दीवारों में नमी आ जाने के कारण वह भी जब-तब गिर सकते हैं।

बारिश से गिरा मिट्टी का घर, बाल-बाल बचे लोग

टनकुप्पा : प्रखंड की बरसौना पंचायत के खरौना गांव में बारिश से सोमवार की रात करीब दस बजे गांव के भोला यादव का मकान गिर गया। उस वक्त घर के अंदर दो पुत्र शौरव, विपिन व पत्नी बच्चन देवी सोई थीं। घर गिरने से स्वजन बाल-बाल बच गए। साथ ही उसी रात अर्जुन मांझी और सुरेंद्र मांझी का मिट्टी का घर गिर गया है। भोला यादव ने बताया कि घर मिट्टी के साथ पुराने खपड़े से छाया हुआ था। घर पुराना होने और अधिक बारिश की वजह से जर्जर होकर गिर गया। पीडि़त लोगों ने घर गिरने की लिखित जानकारी सीओ को देकर तत्काल राहत प्रदान कराने की मांग की है।


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