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पंचायत चुनाव को आदर्श आचार संहिता लागू, बैनर पोस्टर हटाने का निर्देश जारी, चैनपुर में हुई कार्रवाई

24 अगस्त से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कई कार्य नहीं किए जा सकेंगे। यदि कोई भी जनप्रतिनिधि अपने गाड़ी पर अपना पद नाम लिखकर चलेगा तो यह आदर्श आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन है। जानिए किन कार्यो से हो सकती सजा।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 12:23 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 12:35 PM (IST)
राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू, पदाधिकारियों ने की तैयारी, सांकेतिक तस्‍वीर।

चैनपुर (कैमूर), संवाद सूत्र। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद चुनाव को लेकर प्रखंड क्षेत्र में हलचल काफी तेज हो गई है। भावी प्रत्याशी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं पंचायत चुनाव की घोषणा होने के उपरांत बुधवार को चैनपुर प्रखंड कार्यालय में नोडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में चुनाव की तैयारियों से संबंधित जायजा लेने के उपरांत 24 अगस्त 2021 की तिथि से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों से बैनर पोस्टर हटाने को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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इस संबंध में चैनपुर बीडीओ एजाजुद्दीन अहमद व सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह चैनपुर नोडल पदाधिकारी उमेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में पंचायत चुनाव की घोषणा होने के उपरांत पंचायत चुनाव से संबंधित जायजा लेने के लिए बैठक की गई। इस बैठक में नोडल पदाधिकारी के द्वारा पंचायत चुनाव से संबंधित की जा रही तैयारियों का जायजा लिया गया। 24 अगस्त से आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता के अनुपालन के लिए सभी पंचायत स्तरीय कर्मी जिसमें पंचायत सचिव, पंचायत रोजगार सेवक, ग्रामीण आवास सहायक, विकास मित्र, किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक एवं तकनीकी सहायक को निर्देशित किया गया है कि पंचायत अंतर्गत सभी स्थलों पर बैनर पोस्टर आदि हटाना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को भी सचेत कर देंगे। ताकि वह अपना बैनर पोस्टर हटा लें। निश्चित समय में पोस्टर बैनर नहीं हटता है तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

आदर्श आचार संहिता का पालन कराएं बीडीओ : डीपीआरओ

आदर्श आचार संहिता को लागू कराने के लिए सभी बीडीओ को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिया गया है। यह बात जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताई। उन्होंने बताया कि अब कहीं भी पोस्टर पर्चा लगाना मना है। इसके अलावा संपत्ति  विरूपण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने बताया कि कोई भी जनप्रतिनिधि अपने गाड़ी पर अपना पद नाम लिखकर नहीं चलेगा। यह आदर्श आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन है।  सभी बीडीओ को अपने-अपने क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के लिए कहा गया है। पूर्व में लगाए गए पोस्टर प्रचार को भी हटवाने के लिए कहा गया है।

आदर्श आचार संहिता लागू , नहीं होगा उद्घाटन व शिल्यान्यास

 पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना के बाद कैमूर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कई कार्यों पर पूरी तरह से रोक लग गई। निर्देश के अनुसार प्रत्याशी के द्वारा धर्म, संप्रदाय और जातिगत भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाया जाएगा। चुनाव जीतने के लिए धार्मिक, जातीय भाषाई भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाएगा। पूजा स्थलों का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन की आलोचना नहीं की जाएगी। पोस्टर, इश्तेहार, पंपलेट के प्रकाशक और मुद्रक का नाम उस अंकित होना चाहिए। किसी की निजी संपत्ति का उपयोग झंडा टांगने, पोस्टर चिपकाने या नारा लिखने के लिए नहीं किया जाएगा। सार्वजनिक संपत्ति का प्रयोग वर्जित रहेगा। प्रत्याशी अपने आवास, कार्यालय और प्रचार वाहन पर झंडा बैनर आदि का उपयोग कर सकता है। किसी राजनैतिक दल के नाम या झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करना दंडनीय होगा। चुनाव के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। नुक्कड़ सभा के लिए निर्वाचित पदाधिकारी की इजाजत आवश्यक है। निर्वाचन पदाधिकारी की इजाजत से ही जुलूस निकाला जा सकेगा।

सरकारी विभागों और कर्मचारियों को भी करना होगा पालन 

किसी मंत्री के निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम में सरकारी पदाधिकारी और कर्मचारी भाग नहीं ले पाएंगे। । सभा आदि के इजाजत में भेदभाव नहीं करते हुए सबसे पहले आने वाले को प्राथमिकता देंगे। सरकारी भवन परिसर के चुनाव प्रचार और बैठक के लिए इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी। पंचायत के पदाधिकारी के साथ क्षेत्रीय भ्रमण में नहीं रहना है। निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचन पदाधिकारी,चुनाव पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी के पदस्थापन और स्थानांतरण पर रोक रहेगी। निर्वाचन कार्य से जुड़े अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण पर भी रोक रहेगी।

नई योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन पर रोक

पंचायती राज विभाग की योजनाएं यदि पहले से स्वीकृत हैं और योजना का काम शुरू हो गया है तो उस पर रोक नहीं रहेगी,  लेकिन नए सिरे से स्वीकृति अथवा स्वीकृति प्राप्त योजना का काम शुरू करने पर रोक रहेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना पर रोक रहेगी। किसी विशेष समुदाय के लिए छात्रावास, विद्यालय अन्य प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं सामान्य विकास योजनाओं के तहत नहीं आएगी। निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, पेयजल,स्वास्थ्य, विद्युतीकरण,महिला और बाल कल्याण आदि के क्रियान्वयन, शिलान्यास और उद्घाटन पर पाबंदी रहेगी। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा सांसद - विधायक निधि से नई योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन पर भी रोक रहेगी। सांसदों और विधायकों को सहायता और अनुदान का आश्वासन भी नहीं देना है। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सरकारी खर्च पर किसी प्रकार का विज्ञापन का प्रकाशन नहीं होगा।  

नल जल योजना के कार्य रहेंगे शुरू

मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना हर घर को नल का जल का काम शुरू रहेगा। अपूर्ण पड़े कार्यों को पूर्ण किया जाएगा, जबकि खराब हुए नल का जल के कार्यों की मरम्मत का कार्य होगा। इसके लिए निर्देश प्राप्त है।


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