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अवैध उगाही मामले में नवादा के तीन पुलिस अधिकारियों की अग्रिम जमानत आवेदन खारिज, 29 को हाईकोर्ट में सुनवाई

अवैध उगाही को ले मारपीट कर जख्मी करने के आरोपित तत्कालीन प्रभारी नारदीगंज थानाध्यक्ष रामकृपाल यादव दारोगा मदन कुमार सिंह व जमादार बड़े लाल यादव को अदालत से कोई राहत नहीं मिली। तीनों अफसर फरार चल रहे हैं। जानिए क्‍या है पूरा मामला।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 01:04 PM (IST)
अवैध उगाही मामले में नवादा के तीन पुलिस अधिकारियों की अग्रिम जमानत आवेदन खारिज, 29 को हाईकोर्ट में सुनवाई
उच्च न्यायालय के आदेश पर कांड का अनुसंधान सीआइडी को सौंपा, सांकेतिक तस्‍वीर।

नवादा, जागरण संवाददाता। अवैध उगाही को ले मारपीट कर जख्मी करने के आरोपित तत्कालीन प्रभारी नारदीगंज थानाध्यक्ष रामकृपाल यादव, दारोगा मदन कुमार सिंह व जमादार बड़े लाल यादव को अदालत से कोई राहत नहीं मिली। सुनवाई पश्चात तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार तिवारी ने तीनों आरोपितों के अग्रिम जमानत आवेदन को अस्वीकृत कर दिया। इसके पूर्व 13 सितंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रखा गया था। अग्रिम जमानत आवेदन के खरिज होने के साथ ही दंप्रसं की धारा 82 निर्गत किये जाने का रास्ता साफ हो गया। वहीें अभियुक्त पुलिस पदाधिकारियों की मुश्किलें बढ गई है। अब देखना यह है कि सीआइडी के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर विपिन कुमार अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क करने में कितनी दिचस्पी लेते हैं।

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क्या है मामला

03 अगस्त को नारदीगंज थानाध्यक्ष के प्रभार में रहे रामकृपाल यादव ने स्वलिखित ब्यान पर कांड संख्या- 175/20 दर्ज किया तथा जिसमें अजित कुमार उर्फ गुड्डु सहित कई अन्य को अभियुक्त बनाया था। आरोप है कि अजित कुमार का मैजिक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उक्त वाहन को थाना लाने का आदेश दिया गया। किंतु अमित कुमार एव अन्य अज्ञात लोगों ने पुलिस बल पर हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया। इसी कांड के आरोप में अजित कुमार को पुलिस ने 11 अगस्त को गिरफ्तार को अदालत लाई। गिरफ्तार अमित कुमार उर्फ गुड्डु के शरीर पर जख्म को देखते हुए न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार के आदेश पर चिकित्सीय जांच किया गया।

पुलिस पदाधिकारी द्वारा मारपीट कर अजित कुमार को जख्मी किये जाने की घटना को प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया। तब पीडि़त के पिता ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। उच्च न्यायालय के द्वारा कड़ा रूख अपनाने के बाद नारदीगंज थाना में 13/04/21 को कांड संख्या-67/21 दर्ज किया गया। जिसमें तीनों पुलिस पदाधिकारी सहित 7 पुलिसकर्मी को अभियुक्त बनाया गया। उच्च न्यायालय के आदेश पर कांड का अनुसंधान सीआइडी को सौंपा गया। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वाहन के सड़क के नीचे ढुल जरने पर उसे बाहर निकाला जा रहा था। तभी प्रभारी थानाध्यक्ष पहुंचे तथा 10 हजार रुपये की मांग किया। जिसे नहीं दिये जाने पर झुठा कांड संख्या-175/20 दर्ज कर पिटाई की।

सीआइडी ने क्या पाया

अनुसंधान में यह पाया गया कि तत्कालीन प्रथारी थानाध्यक्ष रामकृपाल यादव ने कांड संख्या-175/20 के आधार पर अपने सहयोगी पुलिस कर्मी के साथ मिल कर अजित कुमार उर्फ गुड्डृ को गिरफ्तार किया तथा उसकी पिटाई की। चिकित्सक ने गुड्डु के शरीर पर 13 जख्म पाये।

29 सितंबर को उच्च न्यायालय में फिर होगी सुनवाई

पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई की तय तिथि को अनुसंधानकर्ता प्रतिवेदन से न्यायालय को अवगत कराएंगें। इसके पूर्व 08 सितंबर को हुई सुनवाई में अनुसंधानकर्ता ने अदालत को बताया कि सभी आरोपित पुलिस पदाधिकारी फरार चल रहे हैं। संपत्ति को कुर्क करने की प्रकिया अपनाई जा रही है। इस मामले में अवमानना वाद भी चल रहा है।


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