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प्रमाणपत्र नहीं बनने से गुस्‍साए ग्रामीणों ने बंद कराया आरटीपीएस काउंटर, हमेशा रहता है सर्वर डाउन

अंबा स्थित आरटीपीएस काउंटर ग्रामीणों के लिए गले की हड्डी बन गई है। सरकार ने प्रमाण पत्र बनाने एवं जारी करने के लिए प्रत्येक प्रखंडों में आरटीपीएस काउंटर की व्यवस्था की है। इसके जरिए डिजिटल प्रयोग कर कम समय में प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 03:50 PM (IST)
प्रमाणपत्र नहीं बनने से गुस्‍साए ग्रामीणों ने बंद कराया आरटीपीएस काउंटर, हमेशा रहता है सर्वर डाउन
अंबा में गुस्‍साए ग्रामीणों ने बंद कराया आरटीपीएस काउंटर। प्रतीकात्‍मक चित्र।

संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद)। प्रखंड कार्यालय अंबा स्थित आरटीपीएस काउंटर ग्रामीणों के लिए गले की हड्डी बन गई है। सरकार ने प्रमाण पत्र बनाने एवं जारी करने के लिए प्रत्येक प्रखंडों में आरटीपीएस काउंटर की व्यवस्था की है। इसके जरिए डिजिटल प्रयोग कर कम समय में प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

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प्रखंड मुख्यालय अंबा में बने आरटीपीएस काउंटर से प्रमाण पत्र जारी करना मुश्किल भरा कार्य बन गया है। कर्मियों की मानें तो जब से काउंटर बना है तब से लेकर आज तक यहां का सर्वर धीमा रहा है। दिन में तो प्रमाण पत्र का लाॅगिंग करना मुश्किल है। आरटीपीएस के कई कर्मी रात में जगकर प्रमाण पत्र बना रहे हैं। दिन भर नागरिकों की बातें सुनते कर्मी परेशान हैं। रात की नींद भी खराब हो रही है।

मंगलवार को जब आरटीपीएस कर्मियों ने सर्वर न चलने की बात ग्रामीणों को बताया तो गुस्से में आकर सभी काउंटर बंद करा दिया। ग्रामीण जहां सर्वर न काम करने की बात लगातार सुनते तंग आ गए हैं, वहीं कर्मी इस व्यवस्था से आजिज हो चुके हैं। बताया जाता है कि सर्विस प्लस सेवा दोनों की स्थिति अत्यंत खराब है। सर्वर काम नहीं करता है जिस कारण प्रमाण पत्र बनाना मुश्किल है। इन दिनों नये राशन कार्ड बनवाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र की लोगों को आवश्यकता है।

प्रमाण पत्र न बनने पर लोगों को उक्त सेवा का लाभ नहीं मिलेगा जिस कारण ग्रामीण मायूस हैं। जब इस संबंध में सीओ अभय कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में सर्वर की यही हाल है। जब तक राज्य स्तर से इसमें सुधार नहीं किया जाएगा तब तक इसमें परेशानी बनी रहेगी। जब आइटी मैनेजर से पूछा तो बताया कि प्रॉब्लम पटना से है। इसमें सुधार किया जाना जरूरी है। विभागीय लोग संबंधित विभाग को इससे अवगत कराएं तो इसमें सुधार संभव है। देखना है कि कब तक इसमें सुधार किया जाता है। वर्तमान में ग्रामीणों के लिए यह काउंटर परेशानी बनी हुई है।


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