Move to Jagran APP

बाप रे... बिहार में 60 फीट लंबा पुल ही चुरा ले गए, रोहतास में जेसीबी और ट्रक लेकर आए थे चोर

गजब हो गया ये तो... बिहार में चोर कोई छोटा-मोटा सामान नहीं बल्कि सैकड़ों टन वजनी लोहे का बना पुल ही रातोंरात चुरा ले गए। अंग्रेजी राज की बनी नहर पर स्थित यह पुल करीब 60 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा था।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 06 Apr 2022 09:23 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2022 07:44 AM (IST)
बाप रे... बिहार में 60 फीट लंबा पुल ही चुरा ले गए, रोहतास में जेसीबी और ट्रक लेकर आए थे चोर
बिहार के रोहतास में चोरी हो गया लोहे का बना यही पुल। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, नासरीगंज (रोहतास)। रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र में अमियावर स्थित आरा मुख्य नहर पर बना लोहे का पुल गायब हो गया है। साठ फीट लंबा, दस फीट चौड़ा व बारह फीट ऊंचे पुल को सोमवार को जेसीबी से उखाड़कर किसी वाहन से ले जाने की बात सामने आ रही है। प्रशासन व जल संसाधन विभाग को इस करतूत की भनक तक नहीं लगी। जानकारी के बाद विभाग के कनीय अभियंता ने प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही है। 

loksabha election banner

जेसीबी से उखाड़ा गया पुराना पुल 

जानकारी के अनुसार सोन नहर अवर प्रमंडल, नासरीगंज में अमियावर गांव के पास आरा मुख्य नहर पर स्थित कंक्रीट के पुल के समानांतर और इससे 25 फीट की दूरी पर कई दशक पुराना एक पुल था। ग्रामीणों के अनुसार, पहले भी पुल से निकले लोहे को कुछ लोग कई बार पिकअप वैन पर लादकर ले गए थे। वे कौन थे और लोहे को कहां ले गए, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। सोमवार को जेसीबी से जब पुल उखाड़ा जा रहा था तो ग्रामीणों ने उनसे पूछा कि किसके आदेश पर यह हो रहा है। उनलोगों ने खुद को सिंचाई विभाग का कर्मी बताया। ग्रामीणों की मानें तो अबतक पुल से कुल 20 टन से अधिक लोहा निकला होगा। 

नाव डूबने के बाद बना था पुल 

स्थानीय लोग बताते हैं कि नहर के निर्माण के बाद गांव के लोग नाव से आर-पार होते थे। वर्ष 1966 में यात्री से भरी नाव नहर के गहरे पानी में डूब गर्ई थी। इसके बाद 1972 से 1975 के बीच नहर पर इस पुल का निर्माण तत्कालीन सरकार ने कराया था। पुल के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर इसके समानांतर कंक्रीट पुल का निर्माण हुआ तो पुराने पुल से आवागमन बंद हो गया था। 

जेई को दिया प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश 

इधर, इस मामले में जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता राधेश्याम सिंह ने बताया कि वे अभी अवकाश पर हैं। घटना की जानकारी होने पर कनीय अभियंता (जेई) को तत्काल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। सहायक अभियंता ने बताया कि उक्त पुल का अब उपयोग नहीं होता था। स्थानीय मुखिया ने आवेदन देकर इसे हटाने का अनुरोध किया है, लेकिन किसी कानूनी प्रक्रिया के बिना यह पुल कैसे गायब हो गया, यह जांच का विषय है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.