Move to Jagran APP

साढ़े तीन दशक बाद गया-औरंगाबाद के किसानों का सपना साकार

[नीरज कुमार] गया साढ़े तीन दशक बाद गया और औरंगाबाद के किसानों का सपना साकार होता दिख्

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 08:08 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 08:08 AM (IST)
साढ़े तीन दशक बाद गया-औरंगाबाद के किसानों का सपना साकार
साढ़े तीन दशक बाद गया-औरंगाबाद के किसानों का सपना साकार

[नीरज कुमार] गया

loksabha election banner

साढ़े तीन दशक बाद गया और औरंगाबाद के किसानों का सपना साकार होता दिख रहा है। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड-बिहारके उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना का पलामू में शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री गया एयरपोर्ट पर उतरेंगे और यहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पलामू जाएंगे।

शिलान्यास में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी मौजूद रहेंगे। यह परियोजना पूर्ण हो जाने पर अकेले गया जिले में 21 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। इसे शुरू करने को गया क्षेत्र के लिए 269 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया है।

----------------------

केंद्रीय जल आयोग को सौंपा प्राक्कलन

उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के कार्यपालक अभियंता जयकिशोर राय ने गया क्षेत्र का प्राक्कलन तैयार कर केंद्रीय जल आयोग को सौंप दिया है। यह परियोजना फिर से शुरू किए जाने को लेकर वर्ष 1984 से प्रक्रिया चल रही थी, जो अब पूरा होने जा रहा है।

-------------------

नौ किलोमीटर का क्षेत्र है गया में

उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के अंतर्गत गया जिले का गुरूआ, गुरारू, टिकारी, कोंच और औरंगाबाद जिले के कुटबा व रफीगंज का क्षेत्र आता है। सिर्फ गया जिले में इस परियोजना के तहत नौ किलोमीटर का क्षेत्र आता है, जिसे सुदृढ़ किया जाएगा।

--------------------

21 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित

इस परियोजना से मिलने वाले पानी से गया जिले में 21 हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की समस्या का समाधान हो जाएगा। किसान इसके लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। गुरूआ, गुरारू, टिकारी और कोंच क्षेत्र में पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण किसान खेती नहीं कर पाते हैं।

-------------------

200 किलोमीटर जलाशय से पानी भेजने की व्यवस्था

इस परियोजना से गया को मिलने वाले पानी की आपूर्ति नहर के माध्यम से दो सौ किलोमीटर क्षेत्र में की जाएगी। मुख्य जलाशय पलूआ, कैलाशपुर, धर्मपुरा, महिमापुर, देवकुली, ठाकुर बिगहा, कोचिमाइनर आदि से पानी वितरण की व्यवस्था की जाएगी। मुख्य जलाशय से कई छोटे-छोटे नहर निकाले जाएंगे।

----------------------

314 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण

इसके लिए संबंधित गांवों में भूमि का अधिग्रहण भी किया जाएगा। किसानों से जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने विशेष भू-अर्जन विभाग औरंगाबाद को 136 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया है। इस राशि से करीब 314 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। परियोजना के लिए डीपीआर भी तैयार है। डीपीआर को उच्चस्तरीय बैठक में अंतिम मंजूरी भी मिलने वाली है। नहर के पक्कीकरण के लिए निविदा निकालने की भी प्रक्रिया चल रही है।

-------------------

आयुक्त के समक्ष 4 को देंगे धरना

उत्तरी कोयल नहर परियोजना संघर्ष समिति पिछले कई साल से इस मुद्दे को लेकर जनसंपर्क, पदयात्रा, नुक्कड़ सभा आदि कर रही है। इसी क्रम में 4 जनवरी को आयुक्त के समक्ष धरना का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। समिति से जुड़े अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने इसको लेकर काफी संघर्ष किया था। वे अब इस दुनिया में नहीं हैं।

----------------------

परियोजना को लेकर निरंतर रहे संघर्षरत

औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना को चालू कराने के लिए वर्ष 2009 से प्रयासरत थे। लोकसभा में जाने पर 2014 से प्रत्येक सत्र में इस मुद्दे को उठाया। औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र का यह सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने डैम का निरीक्षण भी किया था। अब प्रधानमंत्री इस परियोजना का शिलान्यास करने वाले हैं। इसका सीधा लाभ औरंगाबाद, कुटुंबा, रफीगंज, काराकाट, गुरूआ, टिकारी विधानसभा की जनता को मिलेगा।

-------------------

उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के अंतर्गत गया क्षेत्र के मुख्य नहर के कार्य के लिए 269 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार कर केंद्रीय जल आयोग को समर्पित कर दिया गया है। इस परियोजना से गया की 21 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। 314 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

जयकिशोर राय, कार्यपालक अभियंता उत्तरी कोयल नहर परियोजना, गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.