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पुत्र व पति की मौत के बाद करोड़ों की संपति जालसाजों ने हथिया ली, औरंगाबाद की महिला लगा रही न्‍याय की गुहार

औरंगाबाद जिला के रफीगंज प्रखंड में पोगर पंचायत के तेंदुआ गांव की आमना खातून की एक करोड़ से अधिक की संपत्ति गांव के ही व्यक्ति द्वारा हड़पने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों व पीडि़ता ने न्‍याय की आस में पत्रकारों से आपबीती सुनाई ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 10:58 AM (IST)
पुत्र व पति की मौत के बाद करोड़ों की संपति जालसाजों ने हथिया ली, औरंगाबाद की महिला लगा रही न्‍याय की गुहार
औरंगाबाद में रफीगंज की आमना खातून न्याय के लिए थाना का चक्कर लगा रही है। जागरण फोटो।

रफीगंज (औरगबाद), संवाद सूत्र। औरंगाबाद जिला के रफीगंज प्रखंड में पोगर पंचायत के तेंदुआ गांव की विधवा महिला 66 वर्षीय आमना खातून की एक करोड़ से अधिक की संपत्ति गांव के ही व्यक्ति द्वारा हड़पने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जालसाजों ने महिला के करोड़ों की संपत्ति तो धोखाधड़ी से हड़पा ही रजिस्ट्री कार्यालय को भी दो मंजिला एवम तीन मंजिला मकान को परती जमीन दिखाकर लाखों का चूना लगाया है। रफीगंज थाने में पीड़ित महिला के बयान पर सात लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई है।

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यह अच्‍छी बात है कि पूरा समाज पीडि़त महिला के साथ खड़ा है। ग्रामीणों की सूचना पर समाचार पत्रों के संवाददाताओं को बुलाया गया। महिला ने पत्रकारों को बताया कि एकलौता पुत्र मो गुड्डू की मृत्यु दो वर्ष पहले हो गई थी। गत तीन माह पहले पति की भी मृत्यु हो गयी। अब हमारे अलावा  इस घर में कोई नहीं बचा। पुत्र के देहांत के बाद पति मौलाना सलीम, जो आसनसोल के बरनपुर मदरसे में शिक्षक थे, गांव में आकर रहने लगे थे।  बराबर बीमार रहने के कारण गांव के ही ग्रामीण डॉक्टर मो कौसर का घर में  आना जाना होने लगा। इसी बीच पति गिर गए, हड्डी में चोट आ गयी। बेहतर इलाज के लिए कौसर ने गया ले जाने को कहा, मैं तैयार हो गयी।

गांव से निकलने के बाद कुछ ही दूर चली थी के बीच रास्ते में कौसर का चाचा मुर्तज़ा उर्फ ताजू एवं फूफा मो सिद्दीकी गाड़ी पर चढ़ा। बीच रास्ते में कहा कि गया में हड्डी का डॉक्टर नहीं बैठा है, अचानक औरंगाबाद लेकर चला गया। उस समय पति बिल्कुल लाचार थे। वे बोलने, चलने, किसी को पहचानने और ना ही लिखने की स्थिति में थे। इतने में दोनों कहने लगे कि जो भी संपत्ति पति के नाम पर है, वो आपके नाम पर करवाना था। महेंद्र ताईद को पैसा दिया हुआ है काम करवा लीजिये। इसके बाद रजिस्ट्री ऑफिस में कौसर, ताजू एवं सिद्दीकी मेरे पति को ले गए। मैं जब वहां पहुंची तो पति को बाहर बदहवास पड़ा देख मैं पूछी कि क्या करवा रहे हो। पहले इनका इलाज करवाना है, लेकर चलो। हल्ला हंगामा करने पर वे सभी मेरे पति को गाड़ी में लिटा दिए।

छठे दिन जब मुझे पता चला कि ज़मीन मेरे नाम नहीं मो कौसर ने अपने नाम करवा लिया है। इसके बाद महेंद्र ताईद को फोन कर रजिस्ट्री के पेपर मांग की लेकिन वो टहलाता रहा। उसी दिन इलाज के नाम पर मो कौसर मेरे घर आया और पति को इंजेक्शन लगाकर चला गया। इसके कुछ ही घण्टे बाद पति की मृत्यु हो गई। इस मामले को लेकर महिला द्वारा विगत दिनों तेंदुआ गांव के मो कौसर, मो सिद्दीक़, मो हसनैन, मो मुर्तुजा उर्फ ताजू, रतन खाप गांव के मो अब्दुल्लाह, मिथिलेश कुमार शर्मा, मई गांव के महेंद्र यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया गया है।

आवेदन में भी पीडि़त महिला ने उल्लेख किया है कि उक्त आरोपी साजिश रच कर मेरे स्वर्गीय पति मो सलीम अख्तर, मौजा केराप टोला फिदा बिगहा वाली मकान जिसकी कीमत लगभग पचास लाख है, किसी दूसरे व्यक्ति का अंगूठा निशान बनवा कर रजिस्ट्री करवा लिए हैं। इसी तरह पोगर पंचायत के तेंदुआ गांव में जमीन एवं मकान 4 लाख 55 हजार रुपए में काश्त जमीन दिखाकर जाली केवाला कराया गया। जबकि इस जमीन में दो मंजिला मकान भी है, जिसकी कीमत लगभग 70 लाख है। पति की मृत्यु 11.05.2021 को हो चुकी है। जबकि केवाला संख्या 7526 का इंडोसमेन्ट पेपर 19.06.2021 को तैयार हुआ। और उस इंडोसमेन्ट पर मेरे पति के अंगूठे के निशान 29.04.2021 को दर्शाया गया है। मेरे पति पढ़े लिखे थे। दस्तखत करना जानते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में मेरे नाम से विल डीड बनाया है। जिस पर उनका दस्तख है। उन्हें किसी तरह की पैसे की उधार या कर्ज लेने की कभी जरूरत नहीं पड़ी थी। गांव घर में जब मैंने अफवाह सुना कि उक्त लोगों ने साजिश कर मेरे पति का घर एवं जमीन लिखवा लिया है, तो मैं पता लगाई और दिनांक 31.08.2021 को कागज केवाला का नकल निकलवाया। इस बारे में जब मो कौसर से मिलकर पूछने का प्रयास किया तो वह घर से फरार था।

आज दिनांक 18.09. 2021 को सुबह 8:00 बजे  मेरे घर मे आ गया और हमें खींच कर बाहर निकालने लगा। जब हमारे साथ मारपीट करने लगा तो गांव के लोग जुट गए और वह भाग गया। मामले को लेकर ग्रामीण मो नसीम एवं मिस्टर ने बताया कि इनके साथ धोखा धड़ी किया गया। कौसर को सामाजिक स्तर पर भी जमीन वापिस करने लिए कहा गया, लेकिन वो किसी की बात मानने को तैयार नहीं है।


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