Move to Jagran APP

जाली डिग्री हासिल कर रोहतास में सात आदेशपाल बने लिपिक, डीईओ ने आरोपितों से मांगा स्‍पष्‍टीकरण

जिन कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है उनकी बहाली चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पद हुई थी। लेकिन बाद में संबंधित कर्मियों ने नियोक्ता की बजाए प्रधानाध्यापक से अनुमति लेकर इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण हुए थे जो नियम संगत नहीं है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 04:37 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 04:37 PM (IST)
फर्जी डिग्री पर प्रोन्‍नति पाने वालों से स्‍पष्‍टीकरण। सांकेतिक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास में फर्जीवाड़ा से शिक्षा विभाग का पुराना नाता रहा है। फर्जी प्रमाण पत्र नौकरी करने वाले शिक्षकों की गुत्थी अभी विभाग पूरी तरह से सुलझा ही नहीं पाई है  कि गलत तरीके से डिग्री हासिल कर लिपिकों को प्रोन्नति दिए जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद विभागीय अधिकारी हैरत में पड़ गए हैं। जिले के सात उच्च विद्यालयों में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी को लिपिक के पद पर प्रोन्नति दिए जाने के बाद विभाग उनके विरूद्ध सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि संबंधित लिपिक से स्पष्टीकरण की मांग की है कि क्यों न उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। जिन लिपिकों को शोकाज किया गया है उसमें उवि महुली धर्मचंद राम, उवि गढऩोखा के अनिल कुमार तिवारी, बलदेव उवि दिनारा के काशीनाथ सिंह, आरआर उवि सूर्यपुरा के निरंजन प्रसाद, एके जैन उवि दरिहट के रामेश्वर यादव, पं. गिरीश नारायण मिश्र उवि परसथुआं के बृज बिहारी सिंह व राम प्यारी उवि दरिहट के कमलेश कुमार शामिल हैं। डीईओ ने यह कार्रवाई पटना परिक्षेत्र के आरडीडीई के निर्देश पर किया है।

डीईओ ने बताया कि जिन कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है, उनकी बहाली चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पद हुई थी। लेकिन बाद में संबंधित कर्मियों ने नियोक्ता की बजाए प्रधानाध्यापक से अनुमति लेकर इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण हुए थे, जो नियम संगत नहीं है। प्रधानाध्यापक अनुमति देने के लिए सक्षम प्राधिकार नहीं हैं। नियोक्ता पदाधिकारी ही सक्षम प्राधिकार होते हैं। उक्त आधार पर प्रोन्नति का लाभ दिया जाना भी नियम संगत नहीं है। कहा कि किसी भी कर्मी को योगग्यता वर्धन के आधार पर प्रोन्नति लेने के लिए सक्षम प्राधिकार से अभिलेख प्राप्त करना अनिवार्य होता है, जो ऐसा नहीं किया गया है। संबंधित लिपिकों से जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि उन्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.