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Bihar: शराबबंदी के बाद खूब बढ़ गई है गांजे और अफीम की तस्‍करी, पड़ोसी राज्‍यों से मिलती मदद

झारखंड समेत पश्चिम बंगाल और ओडिसा से बिहार में गांजा और अफीम की तस्‍करी का धंधा खूब फल फूल रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसमें कई सफेदपोश शामिल हैं। इस कारण उनके धंधे को संरक्षण मिलता है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 09:49 AM (IST)
Bihar: शराबबंदी के बाद खूब बढ़ गई है गांजे और अफीम की तस्‍करी, पड़ोसी राज्‍यों से मिलती मदद
जीटी रोड के चेकपोस्‍ट पर चलता है खेल। जागरण

डोभी (गया) संवाद सूत्र। सूबे की सरकार ने शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) लागू कर दी। इसके पूर्व महुआ फूल, गांजा, अफीम, डोडा, कच्चा स्प्रिट भी प्रतिबंधित था। परन्तु शराबबंदी के बाद से इन प्रतिबंधित जहर की मांग काफी ज्‍‍‍‍‍‍यादा बढ़ गई है। बिहार की सीमा उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड से मिलती है। वहां से तस्‍करों को आसानी से ये सामान उपलब्‍ध हो जाते हैं। बंंपर कमाई की वजह से धंधेबाज हर तरह का खतरा उठाने को तैयार हो जाते हैं। इस क्षेत्र में शराब मुख्यतः झारखंड और उड़ीसा निर्मित पकड़ा जाता है। उत्पाद विभाग लगातार कार्य कर रहा है वहीं खुफिया विभाग की माने तो तस्करी का 25 फीसद ही पकड़ा जाता है। करीब 75 फीसद तो धंधेबाज गंतव्‍य तक पहुंचा ही लेते हैं।

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बंगाल और झारखंड से काफी मात्रा में हो रही तस्‍करी 

गया जिले को तीन तरफ से झारखंड ने घेर रखा है। इस कारण यहां से काफी मात्रा में शराब समेत गांजा और अफीम की तस्‍करी बिहार में होती है। सूबे में शराब बंदी को कामयाब करने के लिए सरकार ने उत्पाद विभाग के आलावा स्थानीय पुलिस को भी जिम्मेवारी दे रखी है। परन्तु सिस्टम में छेद ऐसा कि धंधेबाज भारी पड़ जाता हैं। झारखंड की सीमा भलुआ से औरंगाबाद तक चार थाने हैं फिर भी माफिया वर्ग आसानी से झारखंड और अन्य राज्यो से शराब और अन्य सामानों की तस्करी कर लेते है।

कई सफेद जुड़े हैं नशे के इस काले कारोबार से   

सूत्रों की माने तो इसमें कई सफेद पोश लोग जुड़े हैं जिनकी धमक सरकार तक है। इस धंधे से जुड़े लोग फायदा को उपर तक पहुंचाने का कार्य करते है बदले में उन्‍हें संरक्षण मिलता है। डोभी में समेकित जांच चौकी पर उत्पाद विभाग के अधिकारी समेत कई जवानों की तैनाती की गई है। उत्पाद विभाग के कारनामे को लेकर अक्सर चेकपोस्ट चर्चा में रहता है। चेकपोस्ट पर तैनात कई अधिकारी और जवान पैसा वसूलने के आरोप में निलंबित भी हो चुके है परन्तु फिर भी शराब और गांजा माफिया के साथ इनका गठजोड़ बना रहता है। सूत्र ने बताया कि अधिकारी इस कार्य के लिए अपने जवानों में से दो को अवैध धंधे बाज के साथ सांठगांठ के लिए नामित कर रखा गया है। समेकित जांच चौकी पर वाहनों की जांच कैमरे की निगरानी में किया जाना है। एन एच टू के मुख्य मार्ग पर ड्राम में बालू भरकर और ट्रॉली लगाकर जांच करने के लिए उत्पाद विभाग ने रखा है।  जहां पर विभाग के दो जवानों की तैनाती होती है जो अपनी मर्जी के अनुसार वाहन की जांच करते है। 

स्‍थानीय कुछ युवक भी सक्रिय हैं इस धंधे में 

इधर डोभी-चतरा सड़क मार्ग तो अवैध कारोबारियों के लिए दुधारू गाय साबित हो रहा है। इस सड़क मार्ग से प्रतिदिन कई दर्जन वाहनों से  गांजा, अफीम , शराब और डोडा की तस्करी हो रही है। इस कार्य मे सम्मलित डोभी थाना क्षेत्र के कई नवयुवक लगे है। ये लोगों के पास बेशकीमती और लक्जरी वाहन समेत कई राज्यो में घर तक बनवा चुके है। जिसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को है परन्तु कार्रवाई शून्य है। बाराचट्टी इलाके में होने वाले अफीम को जी टी रोड किनारे स्थित लाइन होटल के संचालक के द्वारा ट्रक के माध्यम से अन्य जगहों पर भेजा जाता है। इस कार्य के लिए माफिया वर्ग बाइक और चार चक्के के लक्जरी वाहन का इस्तेमाल करते है। इन माफिया का नेटवर्क काफी मजबूत होने के कारण बड़े अधिकारी के चहलकदमी की सूचना मुख्यालय से निकलने के पूर्व ही इनके पास पहुंच जाता है। जिससे ये लोग पूरी तरह से सुरक्षित रहते है या फिर स्काउट के माध्यम से उक्त कार्य का संपादन करते है। गांजा और अफीम के साथ-साथ डोडा का कारोबार डोभी में चरम सीमा पर देखा जा रहा है।


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