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बिहार का ऐसा गांव जहां जांच में नहीं मिला एक भी कोरोना संक्रमित, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

कोरोना के दूसरी लहर में जहां पूरा देश तबाह है वहीं पकरीबरावां प्रखंड का हुड़राही गांव में कोरोना का अबतक खाता नहीं खुला है। इस गांव में एक भी मरीज कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं। अबतक जितने ने जांच कराई है सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 04:02 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 04:02 PM (IST)
हुडराही गांव में लगे पेड़ पौधों से स्वच्छ हवा ले रहे गांव वाले

संसू, पकरीबरावां (नवादा) : कोरोना के दूसरी लहर में जहां पूरा देश तबाह है, वहीं पकरीबरावां प्रखंड का हुड़राही गांव में कोरोना का अबतक खाता नहीं खुला है। इस गांव में एक भी मरीज कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं। अबतक जितने ने जांच कराई है सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसे गांव की आवो हवा का असर कहें या ग्रामीणों की जागरूकता, लेकिन है वास्तविकता। वहीं, दूसरी ओर प्रखंड से 13 किमी दूरी पर बसा ज्यूरी गांव कोरोना संक्रमितों की सूची में पहले पायदान पर है। अभी तक छह लोगों की मौत भी हो गई है। इस गांव का आंकड़ा चौकाने वाला है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन भी इस गांव की रिपोर्ट से चिंतित है। हालांकि अभी इस गांव पर पूरी तरह कोरोना कंट्रोल में है। 

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एक हजार की आबादी वाला गांव में हरियाली, कोरोना से अछूता

कोरोना से जंग में प्रखंड का हुडराही गांव अबतक बाजीगर है। करीब एक हजार की आबादी वाला इस गांव में एक भी संक्रमित नहीं हुए हैं। इस गांव के ग्रामीणों को संक्रमण छू भी नहीं सका। इस गांव के लोग सतर्कता की वजह से लोग बीमारी से बच गए। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी गांव को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं। कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आने की खास वजह है, यहां के लोग बेवजह कहीं नहीं जाते। गांव में हरियाली है। पेड़-पौधों होने की वजह से प्रदूषण नहीं है। इससे लोगों को स्वच्छ हवा मिल रहा है। इस गांव से बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में रोजगार करते हैं। कुछ लोग वापस आए भी तो घर पर ही क्वारंटाइन रहे। पिछले साल इस गांव में लोग संक्रिमत हुए थे। लेकिन इस बार खाता नहीं खुल सका।

कोरोना का डर नहीं, किसानी पहले

प्रखंड मुख्यालय का हुडराही गांव जहां कोरोना ने दस्तक नहीं दिया है। यहां के ग्रामीणों इस बीमारी से पूरी तरह बेफिक्र होकर अपने रोजी-रोजगार में जुटे हैं। हर दिनों की तरह किसान खेत में मेहनत कर रहे हैं। सरयुग चौधरी अपनी पत्नी और बच्चे के साथ खेत में नई फसल लगाने के लिए हर दिन पहुंच रहे हैं। यह इस गांव में अकेले किसान नहीं हैं। बल्कि गांव के दूसरे लोग भी कोरोना का परवाह किए हर दिन खेत मे पसीना बहा रहे हैं।

कहते हैं अधिकारी

प्रखंड में पहले की अपेक्षा अब कोरोना मामले में काफी कमी आई है। जिस गांव में कुछ संक्रमित हुए वह ठीक हो गए। हुडराही गांव में एक भी केस नहीं आया है।पकरीबरावां पीएचसी में डॉक्टर से लेकर दवाई एवं ऑक्सीजन तक सभी सुविधाओं से लैस है, यहां से कई मरीज स्वस्थ होकर अपने घर गए हैं।

विश्वजीत देवगन, स्वास्थ प्रबंधक, पीएचसी पकरीबरावां (नवादा)।


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