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इस चूल्‍हे पर पकेगा स्‍वादिष्‍ट भोजन तो मिलेगा शुद्ध पानी भी, आइए जानिए क्‍या है इसकी खासियत

गया के टनकुप्‍पा के सरकारी स्‍कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अंशु के पर्यावर्णीय चूल्हा बनाने के अपने आइडिया को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना मिली है। केंद्र सरकार ने अंशू के खाते में 10 हजार रुपये प्रोजेक्ट बनाने के लिए डाल दिए हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:22 AM (IST)
इस चूल्‍हे पर पकेगा स्‍वादिष्‍ट भोजन तो मिलेगा शुद्ध पानी भी, आइए जानिए क्‍या है इसकी खासियत
कुछ इस तरह से तैयार होगा बहु्द्देशीय चूल्‍हा। जागरण

हिमांशु गौतम,  टनकुप्पा (गया) । अंशू की आंखों में बहुउद्देशीय चूल्हा (Multipurpose Stove) बनाने के सपने पल रहे थे। उसने विद्यालय के शिक्षकों को बताया तो वे उसके सपनों को साकार करने में लग गए। लॉकडाउन में विद्यालय बंद था। शिक्षा विभाग ने अक्टूबर 2020 में जिले के विद्यालयों के बच्चों से एक-एक आइडिया मांगा। अंशू ने शिक्षकों की मदद से पर्यावर्णीय चूल्हा बनाने के अपने आइडिया को शेयर किया तो यह केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को पसंद आ गया। टनकुप्पा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जबरा से एकमात्र छात्रा अंशू मानक इंस्पायर अवार्ड में शामिल होने के लिए चयनित हो गई। केंद्र सरकार ने अंशू के खाते में 10 हजार रुपये मल्टी पर्पज चूल्हे का प्रोजेक्ट बनाने के लिए डाल दिए हैं। वह प्रोजेक्ट बनाने में लगी है।

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कम लागत में तैयार हो जाता है यह चूल्‍हा

अंशु को सहयोग दे रहे शिक्षक मो.करीम आलम ने बताया कि बहुउद्देशीय चूल्हा कम लागत में तैयार होता है। बदलते परिवेश में लोग लकड़ी, उपला आदि ईंधन से बना शुद्ध खाना नहीं खाना खा पा रहे हैं। बहुद्देशीय चूल्‍हा लकड़ी के बुरादे और गोबर को सूखा कर उसके छोटे टुकड़े के उपले से जलेगा जिसपर बना भोजन शुद्ध, स्वादिष्ट और सुपाच्य होगा। पर्यावरणीय दृष्टि से इसके कई फायदे हैं। इसी माह प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा कार्यालय को सौंप दी जाएगी। राज्य से चयनित होकर यह केंद्र तक जाएगी। बहुउद्देशीय चूल्हे का प्रोजेक्ट सफल होने पर उसे केंद्र सरकार इसे घरेलू उत्पादन में शामिल कर बाजार में लाएगी।

जानिए इस चूल्‍हे की विशेषता

यह चूल्हा कम लागत में बन जाता है। बाजार में इसके दाम भी काफी कम होंगे। चूल्हे के चारों ओर टंकी बनी होगी जिसमें पानी आसानी से गर्म होगा। पानी को निकाले के लिए नल लगा रहेगा। उस नल द्वारा जरूरत के अनुसार गर्म पानी निकाला जा सकता है। खाना बनते वक्त निकलने वाली वाष्प से शुद्ध जल तैयार होगा। जिसे पीने सहित अन्य काम में उपयोग कर सकते हैं। चूल्हे पर सभी प्रकार का खाना बनेगा।  कक्षा सात की छात्रा अंशू ने बताया कि आइडिया शिक्षकों को पसंद आया। माता-पिता भी सहयोग दे रहे हैं। अवार्ड के लिए चयनित होने से काफी खुश हूं। बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती हूं। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक शिव कुमार प्रसाद, मो करीम आलम, ममता कुमारी, सुजाता कुमारी, अर्चना कुमारी, आशा कुमारी, सोनी कुमारी, ब्रजेश कुमार ने बताया कि विद्यालय के छात्रों में अंशू अलग है। अवार्ड के लिए चयनित होने पर विद्यालय एवं शिक्षकों का गौरव बढ़ा है।


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