गोदावरी स्थित भैरव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
- फोटो 802 -श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री के साथ मंदिर में पहुंचकर भैरव देव की पूजा-अर्चना की मंगलवार होने के कारण शक्तिपीठ में पहले से थी भीड़ ----------- जागरण संवाददाता गया
गया । शहर के गोदावरी मोहल्ले स्थित भैरव मंदिर में मंगलवार को भैरव अष्टमी धूमधाम से मनाई गई। मंदिर के पुजारी अनन्त मराठे ने बताया कि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूरे देश में भैरव अष्टमी मनाई जाती है। महादेव के अंश एकादश रूद्र ही भैरव देव है। जहां भी शक्तिपीठ होता है, वहां भैरव का स्थान होता है। गया के मां मंगलागौरी, बगला स्थान, दुखहरणी मंदिर में भैरव देव विराजमान हैं। यहां सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
श्रद्धालु पूजन सामग्री के साथ मंदिर में पहुंचकर भैरव देव की पूजा-अर्चना एवं दर्शन कर रहे हैं। मंगलवार होने के कारण उक्त शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ थी। मां की पूजा के करने के उपरांत भैरव देव की पूजा-अर्चना की।
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तेरह सौ वर्ष प्राचीन है
भैरव देव का मंदिर
घने जंगल में इस मंदिर की स्थापना 13 सौ वर्ष पूर्व की गई थी। इसका वर्णन गया महात्म और स्कंद पुराण में वर्णित है। भैरव देव राहु, केतु और शनि के इष्ट देव हैं। अत: भैरो के साधक को इन ग्रहों का कोप सहना नहीं पड़ता है। इनकी पूजन से रोग, बाधा एवं कष्ट का नाश होता है। न्यायालय संबंधी विवाद में भी मनचाहा फैसला साधक को प्राप्त होता है।
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प्रसाद
भैरो देव की पूजन में पांच प्रकार की सामग्री प्रधान होती है। इनमें मांस, मदिरा, मधु, मछली तथा मज्जा है।
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एक माह से चल
रही थी तैयारी
श्री भैरव स्थान मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष नंदन कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष रवींद्र कुमार पिछले एक माह भैरव अष्टमी के आयोजन में लगे हैं। पूरे मंदिर के रंग-रोगन तथा फूल से सजाने के साथ प्रकाश की व्यवस्था की है। इसके बाद छठी समारोह का आयोजन धूमधाम से की जाएगी।
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त्रिदेव मंदिर में भैरव पूजा
संवाद सूत्र, मानपुर : बीएन सहाय लेन मानपुर के समीप मंगलवार को त्रिदेव मंदिर में काल एवं बाल भैरव की पूजा अर्चना की गई। सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों ने काल भैरव से प्रार्थना की।