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कैमूर में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा आयुष्मान भारत

स्वस्थ भारत की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए प्रधानमंत्री के माध्यम से 2018 के सितंबर में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आयुष्मान भारत कार्यक्रम गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 04:15 PM (IST)
कैमूर में गरीबों के लिए वरदान साबित 
हो  रहा आयुष्मान भारत
कैमूर में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा आयुष्मान भारत

कैमूर। स्वस्थ भारत की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए प्रधानमंत्री के माध्यम से 2018 के सितंबर में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आयुष्मान भारत कार्यक्रम गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पांच लाख तक की राशि का निशुल्क इलाज कराने का लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गोल्डेन कार्ड बनाया जा रहा है।

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बीते सात अगस्त तक एक लाख 22 हजार 173 परिवारों का गोल्डेन कार्ड बनाने के लक्ष्य के सापेक्ष विभाग ने एक लाख पांच सौ सात लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनाया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के कुल 4802 लाभार्थियों ने अबतक अपना इलाज कराया है। इसमें से 1941 लोगों ले सरकारी अस्पतालों व 2851 लोगों ने निजी संस्थानों में अपना निशुल्क इलाज कराया है। गोल्डेन कार्ड जिला व प्रखंड स्तर पर बनाने का कार्य जारी है। जिले के मोहनियां में स्थित निजी अस्पताल रीना देवी मेमोरियल में भी आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत इलाज किया जा रहा है। बिहार भवन व अन्य नियोजन कर्मकारों के भी गोल्डेन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसकी पुष्टि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीषदेव ने की है।

- किस प्रखंड में कितने बनाए गए गोल्डेन कार्ड व कितनों का हुआ इलाज-

प्रखंड का नाम - बनाए गए गोल्डेन कार्ड - कितनों का हुआ इलाज

अधौरा - 2878 - 129

भभुआ - 14862 - 764

भगवानपुर - 6758 - 367

चैनपुर - 11813 - 691

चांद - 8801 - 392

दुर्गावती - 6961 - 343

कुदरा - 10082 - 384

मोहनियां - 15122 - 648

नुआंव - 6765 - 283

रामगढ - 9740 - 417

रामपुर - 6725 - 384

वर्जन

आयुष्मान भारत कार्यक्रम का लाभ दिलाने के लिए शत-प्रतिशत गोल्डेन कार्ड बनवाने का विभाग को निर्देश दिए गए है। सभी के कार्ड बन जाने के बाद उसके आधार पर इलाज में होने वाली परेशानियों की भी समीक्षा कर उसे दूर कराया जाएगा।

-डॉ. मीना कुमारी,

सिविल सर्जन


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