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औरंगाबाद: भीम बराज से नहर में छोड़ा गया 875 क्यूसेक पानी, इन गांवों को मिलेंगे इतने फ़ायदे

बराज में पानी का अधिक आमद को देखते हुए बीते 530 बजे शाम से नदी की डाउन स्टीम में 1672 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। आज राइट साइड कैनाल में और पानी बढ़ाया जाएगा। यह अधिकांश किसानों के फसल के लिए यह नहर संजीवनी की तरह काम करती है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 10:50 AM (IST)
औरंगाबाद: भीम बराज से नहर में छोड़ा गया 875 क्यूसेक पानी, इन गांवों को मिलेंगे इतने फ़ायदे
भीम बराज की तस्वीर, जहां से छोड़ा गया पानी, जागरण आर्काइव

 संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) : भीम बराज मोहम्मदगंज से शनिवार को 875 क्यूसेक पानी उत्तर कोयल नहर में छोड़ा गया है। रविवार सुबह में नहर का पानी बिहार बोर्डर पार कर नवीनगर होते हुए कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में पहुंचने की आशा की जा रही है। बराज के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार एवं अंबा डिवीजन के राजेंद्र राम ने बताया है कि वर्तमान में नहर का ड्राइंग डिस्चार्ज कर टेस्टिंग की जा रही है।

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टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरा होने के बाद एक जुलाई से नहर का संचालन जारी रखा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अब बराज का सिग्नल काम करने लगा है। कोयल नदी के ऊपरी भाग जल अधिग्रहण क्षेत्र में मूसलाधार वर्षा हुई है। 25 जून दोपहर से नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है। इसके पहले बराज का गेट डाउन कर वाटर लेबल मेंटेंन कर लिया गया था।

बताया कि बराज में पानी का अधिक आमद को देखते हुए बीते 5:30 बजे शाम से नदी की डाउन स्टीम में 1672 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। सब कुछ सामान्य रहा तो रविवार सुबह में राइट साइड कैनाल में और पानी बढ़ाया जाएगा। बता दें जिले के दक्षिणी क्षेत्र के नवीनगर, कुटुंबा एवं देव प्रखंड के अधिकांश किसानों के फसल के लिए यह नहर संजीवनी की तरह काम करती है। अभी तक 60 से 70 प्रतिशत किसानों द्वारा धान का बिचड़ा नहीं गिराया गया है।

नहर में पानी आने से एक तरफ जलती धरती में नमी आएगी वहीं दूसरी तरफ किसान को नर्सरी तैयार करने में सहूलियत होगी। अधिकारियों ने टेस्टिंग के दौरान मेन कैनाल का देखरेख करने के लिए किसान से अपेक्षित सहयोग की अपील है।समय से पहले उत्तर कोयल नहर में पानी छोड़े जाने का उद्देश्य ग्राउंड वाटर लेबल रिचार्ज है। दूसरी ओर तटबंधों की टेस्टिंग है। स्थिति सामान्य रही तो किसान को प्रमुख फसल धान की खेती करने में परेशानी नहीं होगी।


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