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एनपीजीसी की दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू

औरंगाबाद। नवीनगर एवं बारुण प्रखंड सह अंचल में बन रही नवीनगर पावर जेनरेटिग कंपनी (एनपीजीसी) की दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। गुरुवार की रात दूसरी यूनिट से बिजली के कामर्शियल उत्पादन की घोषणा की गई। जैसे ही दूसरी यूनिट से बिजली का सफल उत्पादन शुरू हुआ परियोजना के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। अधिकारियों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 05:37 PM (IST)
एनपीजीसी की दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू
एनपीजीसी की दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू

औरंगाबाद। नवीनगर एवं बारुण प्रखंड सह अंचल में बन रही नवीनगर पावर जेनरेटिग कंपनी (एनपीजीसी) की दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। गुरुवार की रात दूसरी यूनिट से बिजली के कामर्शियल उत्पादन की घोषणा की गई। जैसे ही दूसरी यूनिट से बिजली का सफल उत्पादन शुरू हुआ परियोजना के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। अधिकारियों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

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परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का कामर्शियल उत्पादन गुरुवार की रात से शुरू हो गया है। अब इस बिजली परियोजना से कुल 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। परियोजना से उत्पादित बिजली पावर ग्रिड को जाने लगी है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि परियोजना से अगले छह माह के अंतराल में तीसरी यूनिट से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। बताया कि इस परियोजना से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत बिहार को मिलना है। यह परियोजना बिहार के विकास के अलावा बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। बताया कि कोविड को लेकर दूसरी यूनिट से बिजली उत्पादन में थोड़ा विलंब हुआ है। अगर आगे कोविड का असर नहीं पड़ेगा तो समय से तीसरी यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। जीएम परियोजना राजकुमार पांडेय, एजीएम एचआर समीरन सहाय, एजीएम आर एंड आर अरविद कुमार पासवान, एजीएम आभा त्रिपाठी समेत परियोजना के अन्य अधिकारियों ने दूसरी यूनिट से सफल बिजली उत्पादन पर हर्ष जताया है। 17 हजार करोड़ की लागत से लग रही यह परियोजना

एनपीजीसी बिजली परियोजना करीब 17 हजार करोड़ की लग रही है। परियोजना के लिए करीब 3,000 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया है। 660 की तीन यूनिट यानी 1980 मेगावाट की यह परियोजना है। परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के विस्तार के लिए जमीन उपलब्ध है। बताया कि परियोजना के लगने से औरंगाबाद का नाम बिजली के क्षेत्र में पूरे देश में जाना जाने लगा है। इलाके का काफी विकास भी हुआ है। परियोजना के सीएसआर के तहत विकास के कार्य कराए भी जा रहे हैं। तीन और यूनिट लगाने का रखा गया है लक्ष्य

तीनों यूनिट से बिजली उत्पादन के बाद इस परियोजना से 800 यूनिट की तीन और यूनिट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बारे में राज्य के उर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव पूर्व में इस बात को बोल चुके हैं। जब 800 की तीनों यूनिट यहां लग जाएगी तो यह बिजली परियोजना देश की बड़ी बिजली परियोजना में शामिल हो जाएगी।


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