Move to Jagran APP

JE/ AES Vaccination: कोरोना के बाद अब इंसेफलाइटिस का खतरा, गया में 22 हजार बच्चों को दी जाएगी वैक्‍सीन

JE/ AES Vaccination बिहार के गया में कोरोनावायरस संक्रमण के बाद अब इंसेफलाइटिस का खतरा मंडराता दिख रहा है। इसे देखते हुए गया में करीब 22 हजार बच्चों को इसकी वैक्‍सीन दी जाएगी। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:25 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 06:25 AM (IST)
JE/ AES Vaccination: कोरोना के बाद अब इंसेफलाइटिस का खतरा, गया में 22 हजार बच्चों को दी जाएगी वैक्‍सीन
बिहार के एक अस्‍पताल में भर्ती एईएस पीडि़त बच्‍चा। फाइल तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता।  कोरोनावायरस संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अब एक और बीमारी के फैलने की आशंका गहरा गई है। जापानी इंसेफलाइटिस (JE) या एक्‍यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से प्रभावित रहे गया जिले में अब इससे बचाव की तैयारियां आरंभ हैं। यह बीमारी बच्‍चों को होती होती है, जिनका समय पर इलाज न हो तो मौत भी हो जाती है। इससे बचाव के लिए जिले में 21 हजार 924 बच्चों को टीका दिया जाएगा। टीकाकरण का यह अभियान 17 जून से आरंभ हो सकता है। इससे जुड़ी तैयारियां की जा रही हैं। यह बीमारी गया के अलावा राज्‍य में और भी कई जगह फैलती है। मुजफ्फरपुर व आसपास के इलाकाें में तो कहर बनकर टूटती है।

loksabha election banner

बच्‍चों को दिया जाएगा टीका, दवा छिड़काव व फॉगिंग भी

गौरतलब है कि पिछले महीने जिलाधिकारी ने एईएस/ जेई के संक्रमण के संभावित संक्रमण को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया था। जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीका लगाने के लिए समीक्षा करते हुए तैयारी करने को कहा था। इसके साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि सुअर पालन क्षेत्र एवं वैसे क्षेत्र जो पूर्व में एईएस/ जेई के रिपोर्टेड केस के रूप में चिह्नित एवं प्रतिवेदित किए गए हैं, वहां संक्रमण की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव व फाॅगिग कराएं। इसके साथ बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए मिशन मोड में फ्लैक्स व माइकिंग के माध्यम से अभियान चलाने को भी कहा था। जिलाधिकारी ने पिछले दिनों मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शिशु वार्ड में पहुंचकर भर्ती होने वाले बच्चों की चिकित्सीय व्यवस्था का जायजा भी लिया था।

2019 में 15 बच्चे हुए थे बीमार, पांच की हो गई थी मौत

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गया जिला इंसेफलाइटिस से प्रभावित रहा है। साल 2019 में जिले में 15 बच्चे जेई से संक्रमित पाए गए थे। सभी का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शिशु वार्ड में किया गया था। इनमें से पांच की मौत हो गई थी। इस बीमारी को कई जगह चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है। कुपोषित बच्चों के इस बीमारी से ग्रस्‍त होने का खतरा अधिक रहता है।

2010 से नियमित टीकाकरण में शामिल है यह टीका

जेई से बचाव के लिए नौ माह से एक साल तक की उम्र के बच्चों को पहला टीका लगाया जाता है। जबकि, 16 माह से 24 माह तक के बच्चों को जेई का दूसरा टीका लगाया जाता है। गया जिले में साल 2010 से यह टीका नियमित टीकाकरण में शामिल है। अभी इसके 56 सौ वायल उपलब्ध हैं। एक वायल से पांच बच्चे को टीका लगाया जाता है।

किस प्रखंड में कितने बच्चों को लगेगा टीका, जानिए

  • आमस- 484
  • अतरी- 167
  •  बांके बाजार- 793
  • बाराचट्टी- 1262
  •  बेलागंज- 661
  • बोधगया- 1563
  •  डोभी- 477
  •  डुमरिया- 730
  • फतेहपुर- 1075
  • गुरारू- 764
  •  गुरूआ- 1053
  •  इमामंज- 973
  •  कोंच- 465
  •  खिजरसराय- 707
  • मानपुर- 1398
  • मोहनपुर- 1957
  •  मोहड़ा- 440
  •  नीमचक बथानी- 205
  •  परैया- 1005
  • शेरघाटी- 1306
  •  टनकुप्पा- 428
  •  टाउन ब्लॉक- 145
  •  टिकारी- 389
  •  वजीरगंज- 827

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.