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गया में नीलगाय छीन रहे किसानों के मुंह का निवाला, रबी फसल को पहुंचा रहे हैं काफी नुकसान

गया में नीलगाय के कहर से किसान परेशान हैं। ये फसलों को व्‍यापक नुकसान पहुंचा रहे हैं। झुंड में चलते ये जंगली जानवर फसल को खाने के साथ उसे रौंद भी देते हैं। लेकिन कार्रवाई के डर से किसान कुछ नहीं कर पाते।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 03:50 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 03:50 PM (IST)
गया में नीलगाय छीन रहे किसानों के मुंह का निवाला, रबी फसल को पहुंचा रहे हैं काफी नुकसान
गया में फसल लगी खेत में नीलगाय। जागरण
संवाद सूत्र, कोंच (गया)। किसान कर्ज लेकर, जीतोड़ मेहनत कर फसल उपजाते हैं। लेकिन कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ उनके लिए मुसीबत बन जाती है। इनसे बच जाए तो लहलहाती फसलों के लिए काल बन जाते हैं नीलगाय। उनकी वजह से फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है। लोगों का कहा है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण हमारा निवाला छिन रहा है। नीलगाय काफी बर्बादी करते हैं। ये इतना तेज दौड़ते हैं कि इनकी वजह से हादसे भी हो जाते हैं।
जिस खेत में घुस गए वहां कर जाते सबकुछ चट 
गया जिले के कोंच प्रखंड मुख्यालय समेत विभिन्न पंचायतों में नीलगाय बड़ी संख्‍या में खेतों में विचरते रहते हैं। ये फसल को खाने के साथ उसे रौंदकर बर्बाद कर देते हैं। किसान कानून के भय से कुछ करने से परहेज करते हैं। लेकिन सूचना के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की जाती। नतीजा है कि नीलगाय रबी फसलों गेहूं, मसूर, खेसारी, चना आदि का नुकसान करते हैं। ग्राम परसावां, मुड़ेरा, काबर, कोंच आदि के बधार में दिन में बड़ी संख्‍या में नीलगाय दिखते हैं। दर्जनों की संख्‍या में ये रहते हैं। ये जिस खेत में घुस गए वहां शायद ही कोई पौधा शेष बचता है।
फसल से जुड़ा होता है परिवार का निवाला और भविष्‍य का सपना
महंगाई के समय में खाद-बीज खरीदकर किसान रबी फसलों की खेती करते हैं। इस फसल के साथ उनकी रोजी-रोटी, भविष्‍य का सपना, बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई, परिवार की दवाई जुड़ी होती है। किसान कठिन परिश्रम भी करते हैं। लेकिन महीनों की मेहनत को ये नीलगाय कुछ घंटे में ही चट कर जाते हैं। किसान बाल कुमार यादव, उदय शर्मा, बसंत सिंह आदि ने कहा कि एक तरफ सरकार नीलगायों को मारने पर सजा की धमकी देती है तो दूसरी ओर नीलगाय जो बर्बादी कर रहे उसपर कोई ध्‍यान ही नहीं है।

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