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मन की बात में आत्मनिर्भर बनाने के बताए गए गुर

गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात गया परिसदन में सभापति याचिका समिति सह विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने सुनी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 08:32 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 08:32 AM (IST)
मन की बात में आत्मनिर्भर बनाने के बताए गए गुर

गया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात गया परिसदन में सभापति याचिका समिति सह विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने सुनी। मन की बात सुनने के बाद डॉ कुमार ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में जनता नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है प्रधानमंत्री के द्वारा बिहार के चटाई उद्योग एवं एलईडी बल्ब बनाने वाले युवक को बधाई व शुभकामनाएं दी। वैसे लोगों से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर बनने मेँ मजबूती प्रदान करेगा। डॉ कुमार के साथ मन की बात सुनने वालों में बिहार प्रदेश किसान प्रकोष्ठ के रचनात्मक संयोजक श्री प्रेम सागर, सलाल सिद्धकी उर्फ लाल बाबू,रूपेश कुमार वर्मा,राजेंद्र प्रसाद,संतोष ठाकुर, विकास कुमार, आयुष सिंह, राजदेव पंडित, ऋषि लोहानी, अजय गुप्ता, शशि कुमार सिन्हा, मुकेश चंद्रवंशी, सुरेंद्र यादव, दीनानाथ आदि शामिल थे।

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श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण की मियाद समाप्त,अब तक 78 लाख संग्रह: श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण की मियाद रविवार को समाप्त हो गया। 13 सौ टोली के काफी प्रयत्न के बाद बीते गुरुवार तक गया जिले के 15 प्रखंड व शहरी क्षेत्र से 78 लाख रुपये संग्रह किया गया है। निधि समर्पण की शुरुआत बीते 15 जनवरी को श्रीराम मंदिर निर्माण के प्रथम ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने गया और बोधगया में किए थे। उसके बाद गया जिले में निधि समर्पण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जैसे-जैसे दिन बीतता गया। वैसे-वैसे निधि संग्रह का कार्य प्रगति होता गया है। यहां के सनातन धर्मालंबी ने अपनी क्षमता अनुसार अयोध्या में बनने वाले मंदिर निर्माण निधि समर्पण की है। अब इसकी समय सीमा खत्म हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण से जुड़े आशीष अग्रवाल ने ब ताया कि करीब डेढ़ माह तक निधि समर्पण का कार्यक्रम चला। गया जिले के शहरी क्षेत्र और 15 प्रखंडों में निधि संग्रह करने के लिए 13 सौ छोटी और बड़ी टोली बनाई गई। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को निधि समर्पण का कार्य समाप्त हो गया है। अभी तक मंदिर निर्माण के एप पर गुरुवार तक 78 लाख रुपये अपडेट हुआ है। इसके बाद तीन दिनों की संग्रहित राशि को अभी अपडेट करना शेष है। उन्होंने आशा व्यक्ति किया कि तीनों दिनों में संग्रहित राशि मिलाकर करीब एक करोड़ रुपये श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण में संग्रह हो जाएगा। चूंकि निधि समर्पण का समय बहुत की कम था, इसलिए बहुत से घर, व्यवसायी व अन्य वर्ग के लोगों तक पहुंच नहीं पाए हैं। वैसे लोग जो छूट गए हैं, वे श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण के ट्रस्ट के बैंक खाता में जमा करा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विहिप के संगठनात्मक ढांचा के अनुसार शेरघाटी को अलग जिला माना जाता है। इसलिए शेरघाटी के 9 नौ प्रखंडों में संग्रहित राशि 78 लाख रुपये में शामिल नहीं है।


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