बिहार के औरंगाबाद में नक्सलियों के खिलाफ व्यापक सर्च ऑपरेशन, दबिश बढ़ते ही भागने लगे नक्सली
गया और औरंगाबाद की सीमा पर बसे जंगलों में नक्सलियों ने गढ़ बना रखा है। समय-समय पर सूचना के अनुसार पुलिस और सीआरपीएफ की टीम वहां दबिश देती है। करीब चार साल पहले नक्सलियों ने धोखे से जवानों को जंगल में बुला लिया था जिसमें जवान शहीद हो गए थे।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद में सीआरपीएफ की टीम ने एक बार फिर दबिश दी, जिसके बाद नक्सलियों के गढ़ में खलबली मच गई। भारी मात्रा में आइईडी मिलने के बाद सीआरपीएफ की टीम कोबरा बटालियन के साथ पूरे जंगल को खंगालने की तैयारी में है। अत्याधुनिक हथियारों के साथ टीम ने धावा बोल दिया है। हालांकि, अब तक कोई नक्सल के गिरफ्त में नहीं आया।
गौरतलब है कि गया और औरंगाबाद की सीमा पर बसे जंगलों में नक्सलियों ने गढ़ बना रखा है। समय-समय पर सूचना के अनुसार पुलिस और सीआरपीएफ की टीम वहां दबिश देती है। करीब चार साल पहले नक्सलियों ने धोखे से जवानों को जंगल में बुला लिया था, जिसमें करीब आठ जवान शहीद हो गए थे।
दरअसल, पूरे जंगल में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग बना रखा है। लैंडमाइंस और डायनामाइट से बचते हुए जवानों को सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ता है। जरा सी लापरवाही से कई जानें जा सकती हैं। इन जंगलों में ग्रामीण भी रहते हैं, जो पुलिसिया कार्रवाई से दहशत में आ जाते हैं। वहीं कुछ ग्रामीणों को पुलिस ने नक्सलियों को सहयोग देने के आरोप में भी गिरफ्तार किया था।
इन नक्सलियों के पास पुलिस से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद भी हैं। इसकी वजह से इनका मनोबल बढ़ा रहता है। सीआरपीएफ की टीम एसटीएफ के सहयोग से नक्सलियों के ठिकानों का पता लगा रही है। आइजी ऑपरेशन पूरी कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा मुखबिरों से भी सहयोग लिया जा रहा है।