लॉकडाउन का अड़ंगा, खादी ग्रामोद्योग में नहीं बन रहा तिरंगा
मानपुर। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर फहराने वाला खादी का तिरंगा लॉकडाउन की वजह से ग्राम नि
मानपुर। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर फहराने वाला खादी का तिरंगा लॉकडाउन की वजह से ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग समिति बुनियादगंज, मानपुर में नहीं बन पा रहा है। मगध प्रमंडल का बिक्री केंद्र बंद रहने के कारण पिछले साल के बचे तिरंगे की भी बिक्री होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे स्थिति में तिरंगा फहराने वालों को इस वर्ष खादी का तिरंगा नहीं मिल पाएगा। ऐसे में पुराना तिरंगा ही आसमान में लहराएगा।
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बनते थे पांच हजार तिरंगा :
खादी ग्रामोद्योग में प्रत्येक साल पांच हजार से अधिक तिरंगे बनाए जाते थे। जिसकी बिक्री गया, औरंगाबाद, नवादा, व अरवल में बने भंडार केंद्रों पर होती थी, लेकिन लॉकडाउन में सारे केंद्र बंद हैं। 15 अगस्त तक उनके खुलने की उम्मीद भी नहीं है। ऐसी स्थिति में गत वर्ष के बचे तिरंगे भी लोगों को नहीं मिल पाएगा।
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बुनकरों के समक्ष रोजी का संकट :
तिरंगा व टोपी बनाने में करीब दो सौ महिला व पुरुष खादी ग्रामोद्योग में 24 घंटे लगे रहते थे। त्रिपुरारि चरखे पर सौ महिलाए पूनी से सूत की कताई करती थीं। उसके बाद केसरिया, हरा व सफेद रंग से रंगाई की जाती है। सफेद रंग के बीच में चक्र बनाया जाता है। खादी ग्रामोद्योग बंद रहने से करीब 200 बुनकर परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
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कोट :-
लॉकडाउन की वजह से खादी ग्रामोद्योग बंद है, जिसके कारण तिरंगे का निर्माण नहीं हो रहे हैं। इस वर्ष पांच हजार से अधिक तिरंगा बनाने की प्लानिंग थी, लेकिन लॉकडाउन के वजह एक भी नहीं बनाया गया। मगध प्रमंडल में बने भंडार केंद्रों पर करीब 3325 तिरंगा गत वर्ष का बचा है, लेकिन भंडार केंद्र बंद रहने के कारण उस तिरंगे की भी बिक्री नहीं हो पाएगी।
-सुनील कुमार, मंत्री, ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग समिति बुनियादगंज, मानपुर।
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