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विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ के साथ शुरू हो रही 'गयाजी' की सुबह

फोटो 01 गया 1 ---------------- -कोरोना से मुक्ति के लिए गुरुजी के मंत्र का उचारण कर रहा है वृहद गयापाल समाज -घरों में बैठकर राज्य-जिलावार तीर्थयात्रियों के नामों को सूचीबद्ध करने में गुजर रहा दिन -सितंबर में शुरू होने वाले पितृपक्ष मेले में पिंडदान करने वाले पिंडदानियों से हो रहा है संपर्क -खान-पान का शौकीन गयापाल समाज अपनी पाकशाला में कर रहा हर तरह के बंदोबस्त ------------------

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 06:15 AM (IST)
विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ के साथ शुरू हो रही 'गयाजी' की सुबह
विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ के साथ शुरू हो रही 'गयाजी' की सुबह

कमल नयन, गया

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मोक्षदायिनी फल्गु के पश्चिमी तट पर देवघाट और गदाधर घाट पर सन्नाटा पसरा है। एक भी पिंडदानी 'गयाजी' के इस पिंडस्थल पर सप्ताहभर से ज्यादा समय से नहीं दिख रहे। आगामी पखवारे में भी ऐसा ही हाल रहने की उम्मीद है। मंदिर में एक पुरोहित द्वारा सिर्फ चार वक्त की आरती की जा रही। वैसे, गयाजी के तीर्थ पुरोहित गयापाल पंडा समाज का दिन पूजा-पाठ के अतिरिक्त खान-पान व तीर्थयात्रियों के नामों को सूचीबद्ध करने में गुजर रहा।

अंदरगया की पहचान गयापाल पंडों से है। यहां इनका आवास स्थल है। पुरानी ईटों से बने ऊंचे मकान आज भी इनके गौरव की गाथा समेटे हैं। यह पहला मौका जब कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की आशंका में चहुंओर बेरुखी है। गयापाल पंडा समाज अपने पूरे परिवार के साथ एक छत के नीचे है। खान-पान का अति शौकीन यह समाज आज भी पकवान व मिष्ठान्न प्रेमी है। घर में गाय के दूध से तरह-तरह की मिठाइयां बन रही हैं। कोई आने-जाने वाला नहीं है, लिहाजा गयापाल सपरिवार आनंद ले रहे हैं। पितृपक्ष मेले के लिए शुरू है तैयारी, घर में बैठ बन रही सूची :

पीतल किवाड़ वाले तीर्थ पुरोहित महेशलाल गुपुत कहते हैं, गायत्री मंत्र और विष्णु सहस्त्रनाम के नित्य पाठ से सुबह हो रही है। भगवान विष्णु का स्मरण कर नित्यकर्म के बाद एक ही काम है, अपने पिंडदानियों के नाम व उनके जिलों को सूचीबद्ध करना। इन दिनों भी कई फोन आ रहे, जो आगामी पितृपक्ष मेले को लेकर होता है। दरअसल, एक सितंबर से 17 सितंबर तक 'पितृपक्ष मेला-2020' शुरू होने जा रहा है। इसके लिए अभी से ही लोग संपर्क में जुटे हैं। लोगों को विश्वास है कि कोरोना संकट से देश को शत-प्रतिशत मुक्ति मिलेगी और उसके बाद पितरों को तृप्त करने के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे। छत्तीसगढ़ के दुर्ग व रायगढ़, उत्तर प्रदेश के मेरठ और हरियाणा के हिसार से अब तक लोगों ने संपर्क साधा है। उन्होंने लॉकडाउन के बाद 'गयाजी' आने की बात कही है। यहां पहुंचकर वे पितृपक्ष मेले के लिए अस्थायी ठिकाना तलाशेंगे। हर व्यक्ति कोरोना से मुक्ति के लिए जप रहा 'गुरुजी' का मंत्र :

लगभग 100-150 की संख्या वाले गयापाल पंडा समाज में इन दिनों कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए एक मंत्र का जाप हो रहा है। दरअसल, यह मंत्र समाज के गुरु पुरोहित श्रीसत्यात्म तीर्थजी महाराज ने सभी को वाट्सएप पर भेजा है। इसे समाज का हर व्यक्ति रोज सुबह पढ़ता है। 'गुरुजी' का यह मंत्र रोग मुक्ति के लिए है। उक्त मंत्र इस प्रकार है।

'अच्युतानंद गोविंद नामोचारण भेषजा

नशयंति स्कला रोगा, सत्यम सत्यम वदाम्यहम, अच्युतायेनम:, अनंतायेनम:, गोविंदायेनम:।'

समाज के लोग मंत्र का बड़ी श्रद्धा से उच्चारण कर रहे हैं। बड़े-बुजुर्गो का मानना है कि 'गुरुजी' ने आशीर्वाद स्वरूप जो मंत्र भेजा है, वह हम लोगों के लिए अति पूज्यनीय है। सर्व मानव समाज को कोरोना से मुक्ति मिले, यही हमारी प्रार्थना है। सिजुआर स्टेट के राजन सिजुआर बताते हैं, दिन तो किसी तरह परिवार के बीच गुजर जाता है। यात्रियों की पोथी-बही को देखा जाता है। शाम का वक्त उनके लिए रियाज का होता है। वे शास्त्रीय संगीत के काफी प्रिय हैं और अपने गया घराना को पूरी तरह से जीवंत रखने के लिए उसी में रमे हैं।


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