पदाधिकारी के कमी से प्रखंड का कार्य प्रभावित
एक पदाधिकारी के पास कई विभागों की जिम्मेदारी संवाद सूत्र टनकुप्पा
गया । प्रखंड एवं अंचल कार्यालय का निर्माण 14 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से कराया गया। भवन बनाकर एक छत के नीचे सारे विभाग को एकसाथ करने के लिए दो सितम्बर 2018 को मंत्री श्रवण कुमार ने उद्घाटन किया। प्रखंड एवं अंचल कार्यालय को सही तरीके से संचालन करने के लिए विभाग द्वारा स्थाई पदाधिकारी की तैनाती नहीं की गई। पदाधिकारी के अभाव में विकास की सभी योजनाएं सहित अन्य कार्य काफी धीमी गति से निपटाये जा रहे हैं। प्रखंड और अंचल का कार्य प्रभारी पदाधिकारियों के जिम्मे हो रही है।
टनकुप्पा को 14 अगस्त 1994 को पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने प्रखंड मुख्यालय का दर्जा दिया था। यहां 14 माह में सात बीडीओ की पदस्थापना हुई लेकिन कोई भी रुक नहीं पाया। फिलहाह बीडीओ का कार्य सीओ छोटेलाल पासवान संहाल रहे हैं। सीओ अपने पद के अलावे दो अतिरिक्त पद की जिम्मेवारी संहाल रहे हैं। पदाधिकारियों की अधिक व्यस्तता के कारण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। पदाधिकारी की कमी होने के कारण पंचायत में सात निश्चय योजना आधी अधूरी है। एक पंचायत सचिव दो से तीन पंचायत को संहाल रहा है। एक राजस्व कर्मचारी दो से तीन पंचायत का कार्यभार संहाल रहे हैं। पदाधिकारी के अलावा कर्मचारियों का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है।
पदाधिकारियों के जिम्मे अतिरिक्त पद :
-सीओ छोटेलाल पासवान के जिम्मे बीडीओ, एमओ
-जनसेवक सत्येन्द्र प्रसाद सिंह के जिम्मे प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायत सचिव
- कल्याण पदाधिकारी का प्रभार तीन अतिरिक्त प्रखंड में प्रभार देख रहे मोहनपुर डब्ल्यूआइ रविकात सिंह
-श्रमप्रवर्तन पदाधिकारी का प्रभार गुरूआ समेत तीन प्रखंड का प्रभार संहाल रहे उमेश कुमार के जिम्मे
- सहकारिता पदाधिकारी का प्रभार फतेहपुर बीसीओ नीरज कुमार के जिम्मे
-पशु चिकित्सा प्रभारी का काम वजीरगंज प्रखंड के तरवा पशु चिकित्सा केन्द्र के राकेश कुमार सिन्हा के जिम्मे।
-प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी का प्रभार मोहनपुर बीईओ राकेश कुमार सिन्हा के जिम्मे
प्रखंड मापतौल निरीक्षक एवं मत्स्य पदाधिकारी का पद स्थापना काल से ही रिक्त पड़ा है। महीनों लगाना पड़ता है चक्कर :
बादिलबिगहा निवासी नंदलाल माझी, मखदुमपुर निवासी धर्मपाल सिंह, जिवनबिगहा निवासी रंजीत सिंह, करियादपुर निवासी पप्पू सिंह, कत्थाडीह निवासी विनय यादव, पाती निवासी महेन्द्र यादव, त्रिलोकीचक निवासी मो. रिजवान कहते हैं कि पदाधिकारी की कमी के कारण ग्रामीणों को एक काम के लिए महीनों चक्कर लगाना पड़ता है। प्रखंड मुख्यालय में पदाधिकारी और कर्मचारी की घोर कमी है।
प्रखंड प्रमुख माला देवी ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय में स्थापना काल से ही पदाधिकारी की कमी रही है। पदाधिकारी के अभाव में विकास का काम काफी प्रभावित है। जिला एवं प्रखंड में होने वाली बैठकों में पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कोट- ::--- प्रभारी बीडीओ छोटेलाल पासवान का कहना है कि एक पदाधिकारी को कई विभाग का कार्य देखना पड़ रहा है। इससे कार्य को समय पर निपटारा नहीं हो पाता है। जिला मुख्यालय के पास प्रत्येक महीने समीक्षा रिपोर्ट में पदाधिकारी और कर्मचारी की आवश्यकता की माग अंकित की जाती है। मौखिक रूप से मिटिंग में जिला कार्यालय को बताया जाता है।