मगध में एईएस-जेई की रोकथाम को उठाएं प्रभावी कदम
मगध में एईएस-जेई के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने जयप्रकाश नारायण अस्पताल में अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एईएस-जेई के प्रभावित नियंत्रण के बारे में जानकारी दी गई। साथ में जिला-स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारियों को एईएस-जेई मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
गया ।मगध में एईएस-जेई के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने जयप्रकाश नारायण अस्पताल में अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एईएस-जेई के प्रभावित नियंत्रण के बारे में जानकारी दी गई। साथ में जिला-स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारियों को एईएस-जेई मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि जिले के सारे बच्चे का एईएस-जेई का टीकाकरण एक सप्ताह में करना सुनिश्चित करें। यदि कोई बच्चा छूट जाता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और एमओआइसी के ऊपर आएगी एवं उचित कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आशा अपने-अपने क्षेत्र के हर घर जा कर बुखार के मरीजों की पहचान कर पीएचसी को प्रतिदिन रिपोर्ट करेंगी। पीएचसी चार बजे तक जिला को रिपोर्ट करें और जिला उसे पांच बजे तक राज्य स्वास्थ्य समिति को रिपोर्ट करेंगे।
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सामुदायिक जागरुकता पर बल
जिला मलेरिया रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमई खान ने बताया कि एईएस-जेई पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सरकारी अस्पतालों में जरूरी सुविधाएं एवं चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। साथ में इसकी रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरुकता की आवश्यकता को समझते हुए ग्रामीण स्तर पर आम जागरूकता फैलाने के लिए पंचायत मुखिया को जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए जिले के सभी पंचायत मुखिया को एईएस-जेई पर प्रचार-प्रसार के लिए बैनर एवं पोस्टर उपलब्ध कराए गए हैं। पंचायत मुखिया बैठक के माध्यम से एईएस-जेई के लक्षण एवं इसके उपायों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
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फॉगिंग एवं रिपोर्टिग अनिवार्य
सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि एईएस-जेई के प्रसार में कमी लाने के लिए जिले के सभी क्षेत्रों में निरंतर फॉगिंग की जा रही है। साथ ही नालियों की सफाई के लिए एंटीलार्वा का भी प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में फॉगिंग एवं साफ-सफाई के बारे में जानकारी लेकर इसे सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्रतिदिन एईएस-जेई की रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी आशा एवं आगनबाड़ी को उनके क्षेत्र में एईएस-जेई पीड़ितों की पहचान कर इसके संबंध में पीएचसी को रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं।
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मीडिया कार्यशाला
का होगा आयोजन
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 जुलाई को जिले के एक निजी होटल में मीडिया कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला के माध्यम से एईएस-जेई के विषय में आम लोगों को जागरूक करने में सहयोग मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर राज्य स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में पहुंचकर जेई-एईएस संदिग्ध बीमारी से ग्रसित भर्ती बच्चों की जानकारी ली। साथ ही मेडिकल के स्पेशल वार्ड में भर्ती बच्चों के परिजनों से हालचाल लिया। साथ ही मेडिकल अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद के साथ बैठक किया। इस दौरान एईएस-जेई के लिए बनाए गए स्पेशल वार्ड में भर्ती मरीजों और मौत की जानकारी ली। इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति मलेरिया पदाधिकारी डॉ.एमपी शर्मा,राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा, डीआईओए डॉ.सुरेंद्र चौधरी,वीवीडी डॉ. एमई हक के साथ डीपीएम नीलेश कुमार उपस्थित थे।